CG Film: छत्तीसगढ़ के लोग अब अपने चहेते कलाकार से मिल सकता है। दरअसल छॉलीवुड इंडस्ट्री में ओपन मीटअप की शुरुआत हो गई है। इससे लोग अपने चहेते कलाकार के साथ नाच-गान कर सकते हैं..
CG Film: ताबीर हुसैन.किसी भी फिल्म की सफलता में उसके प्रचार-प्रसार का अहम रोल होता है। दीवारों में पोस्टर चस्पा करना, एनाउंसमेंट करना परम्परागत तरीके हैं जो अभी भी चल रहे हैं। डिजिटल जमाने के हिसाब से प्रमोशन स्टै्रटेजी में काफी बदलाव किए गए हैं। जिसमें एक न्यू कॉन्सेप्ट लाया गया है ओपन मीट यानी खुली मुलाकात। इन दिनों लगभग हर छत्तीसगढ़ी फिल्म के प्रमोशन में इसे शामिल कर लिया, जो कि ट्रेंड बन चुका है।
इन्फ्लुएंसर मीटअप के फोटोज और वीडियो को सोशल मीडिया में पोस्ट करते हैं, इससे फिल्म का कंटेंट टारगेट ऑडियंस तक पहुंचता है। चूंकि आज की तारीख में हर कोई मोबाइल स्क्रॉल करता नजर आता है, इन्फ्लुएंसर के जरिए फिल्म से जुड़ी बातें लोगों तक पहुंचती हैं।
डायरेक्टर मनोज वर्मा कहते हैं, राजधानी में इन्फ्लुएंसर्स की संख्या बढ़ती जा रही है। इसमें एक बड़ा वर्ग छत्तीसगढ़ी कंटेंट के लिए काम कर रहा है। फिल्म को प्रमोट करने में सोशल मीडिया महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए छत्तीसगढ़ी सिनेमा में ओपन मीटअप की शुरुआत हुई है। वितरक तरुण सोनी ने बताया, ओपन मीटअप की शुरुआत गुईयां फिल्म से हुई है। फिल्म हिट रही, इसलिए मान लिया गया कि इसका फायदा मिलता है। हालांकि यह फॉर्मूला हर फिल्म में लागू नहीं होता। कई फिल्में ऐसी रहीं जो फ्लॉप हुई हैं। एग्जीबिटर लकी रंगशाही कहते हैं, हर प्रोड्यूसर चाहता है कि उसकी फिल्म का प्रचार बेहतर हो। ओपन मीटअप के जरिए न सिर्फ इन्फ्लुएंसर बल्कि कलाकारों के प्रशंसक भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। वे उनसे सीधे मिलते हैं।
कोई एक जगह तय की जाती है, यहां फिल्म के हीरो-हीरोइन के अलावा कैरेक्टर आर्टिस्ट और प्रोड्यूसर-डायेक्टर मौजूद रहते हैं। इन्फ्लुएंसर्स को माइक सौंप दी जाती है। जिसके पास जो सवाल है पूछता है। जिससे सवाल पूछे जाते हैं, वह जवाब देता है। फिर उसी फिल्म का कोई चर्चित गाना बजाया जाता है जिसमें आर्टिस्ट डांस करते हैं। इसके बाद इन्फ्लुएंसर वन टू वन बातचीत करते हैं।