CG NEET 2024: रायपुर जिले में जिस नीट स्कोर पर ईडब्ल्यूएस कोटे वाले छात्र को रायपुर में एमबीबीएस की सीट मिली है, उसी स्कोर पर अनरिजर्व केटेगरी के छात्र को रायगढ़ व अंबिकापुर में सीट मिली है।
CG NEET 2024: पीलूराम साहू. छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में जिस नीट स्कोर पर ईडब्ल्यूएस कोटे वाले छात्र को रायपुर में एमबीबीएस की सीट मिली है, उसी स्कोर पर अनरिजर्व केटेगरी के छात्र को रायगढ़ व अंबिकापुर में सीट मिली है। कहने का मतलब ये है कि ईडब्ल्यूएस का टैग लगने के बाद छात्रों को बड़ा फायदा होता है।
CG NEET 2024: यही कारण है कि संपन्न व कराेड़पति के बच्चे भी ईडब्ल्यूएस कोटे के भरोसे डॉक्टर बनना चाहते हैं। कुछ ऐसे भी केस है, जिसमें छात्र तो ईडब्ल्यूएस कोटे से है, लेकिन अच्छे स्कोर के कारण उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में जनरल केटेगरी से सीट भी मिली है। अच्छी रैंक या टॉप में रहने वाले छात्रों को जनरल केटेगरी से सीट मिलती है। आरक्षण खत्म हो जाता है।
पत्रिका इस बात पर सवाल खड़ा कर रहा है कि ईडब्ल्यूएस कोटे का सर्टिफिकेट बनाकर निजी कॉलेजों में एडमिशन कैसे ले रहे हैं? अगर वे गरीब हैं तो रजिस्ट्रेशन फीस व सुरक्षा निधि की राशि 1.10 लाख रुपए कैसे जमा कर रहे है। यही नहीं वे निजी कॉलेजों की 33.52 से 36 लाख रुपए तक ट्यूशन फीस भी कैसे जमा कर सकते हैं? ये सवाल न केवल पत्रिका का है, बल्कि जानकार व कई डॉक्टरों ने भी उठाए हैं। गरीब सवर्ण कोटे वाले 6 छात्रों ने निजी कॉलेजों में प्रवेश भी ले लिया है। दरअसल पहले राउंड की काउंसलिंग में 5 सितंबर तक प्रवेश लेना था। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि 2019 से इस कोटे के तहत हुए एडमिशन में गड़बड़ी हुई है, लेकिन कोई शिकायत नहीं होने के कारण कार्रवाई भी नहीं हुई है।
जनवरी 2019 में केंद्र सरकार ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का एलान किया था। इसके बाद प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें बढ़ गई थीं। जिन कॉलेजों में 150 सीटें थीं, वहां ईडब्ल्यूएस के लिए 30, 100 सीटों के लिए 25 व 50 सीट वाले कॉलेज को 10 अतिरिक्त सीटें दी गईं थीं। तब नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर की सीट 150 से बढ़कर 180 हुई थी। दो साल पहले पहली बार एमबीबीएस की 150 सीट पर दुर्ग के सरकारी कॉलेज को गरीब सवर्ण कोटे से 50 सीट दे दी गई। अधिकारियों के अनुसार सीट बढ़ाकर इसलिए दी गई, ताकि दूसरे केटेगरी के छात्रों का आरक्षण प्रभावित न हो। इस पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी आश्चर्यचकित भी थे।
केटेगरी आरक्षण फीसदी में
एसटी 32
ओबीसी 14
एससी 12
गरीब सवर्ण 10
कुल 68