
Ganesh Chatuthi 2024: हेमंत कपूर. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में शिल्पग्राम थनौद छेत्र के मूर्तिकारों के हाथों का जादू ऐसा कि इनकी बनाई मिट्टी के श्री गणेशजी की प्रतिमाओं की प्रदेश ही नहीं देश के कई राज्यों में डिमांड रहती है। ( Ganesh Chatuthi 2024 ) प्रतिमाओं के निर्माण में यहां के कुम्हार परिवारों के साथ 1000 से ज्यादा लोगों को रोजगार भी मिलता है। बदले में इन्हें 300 से 1500 रुपए तक प्रतिदिन मिल जाता है। एक सीजन में इन प्रतिमाओं से 8 से 10 करोड़ रुपए का कारोबार हो जाता है।
Ganesh Chatuthi 2024: शिल्पग्राम के नाम से पूरे प्रदेश में विख्यात ग्राम थनौद में चक्रधारी परिवार चार पीढिय़ों से मिट्टी से मूर्तियां गढऩे का काम कर रहा है। इनकी दक्षता ऐसी है कि इन परिवारों और इनके गांव का नाम मध्यप्रदेश, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल के साथ महाराष्ट्र व मुम्बई तक भी पहुंच गया है। इस बार भगवान गणेशजी की करीब 10 हजार छोटी और 1200 से ज्यादा बड़ी प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा करीब 2000 दुर्गा जी की प्रतिमाओं का भी निर्माण यहां होता है।
मूर्तिकार लव चक्रधारी बताते हैं कि भगवान गणेशजी के बाद मां दुर्गा की प्रतिमाओं का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। अकेले थनौद में ही 2000 से ज्यादा दुर्गा प्रतिमाएं बनती हैं। इनकी न्योछावर राशि 20 हजार से 2 लाख 25 हजार तक रहती है। इन प्रतिमाओं के निर्माण के लिए त्योहारों के खास सीजन को छोड़कर पूरे साल वर्कशॉप में काम चलता रहता है।
मूर्तिकला में लगे लोगों के अलावा यहां के स्थानीय दुकानदारों को भी रोजगार मिलता है। मूर्तिकाल लव चक्रधारी बताते हैं कि प्रतिमाओं की पंडाल के लिए रवानगी के दौरान यहां समितियों के लोगों के साथ भक्तों की भीड़ भी पहुंचती है। इससे 5 से 7 दिन तक मेले जैसा माहौल रहता है। यहां कई प्रकार के स्टॉल लगते हैं। इनसे ग्रामीणों की आमदनी होती है। यह स्थिति गणेश चतुर्थी के अलावा नवरात्रि में भी होती है।
Updated on:
07 Sept 2024 12:35 pm
Published on:
07 Sept 2024 10:19 am
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