रायपुर

CG News: 20 साल की स्वस्थ छात्रा चलकर गई अस्पताल, फिर 12 घंटे बाद बाहर आई डेडबॉडी, आखिर क्या थी मौत की वजह?

CG News: रायपुर में 20 वर्षीय छात्रा के परिजनों को इस बात का अहसास ही नहीं था कि उनकी जो बेटी चलकर अस्पताल में जा रही है, 12 घंटे बाद उसकी डेडबॉडी आएगी।

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Nov 28, 2024
cg news

CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में चारामा कांकेर की रहने वाली 20 वर्षीय छात्रा के परिजनों को इस बात का अहसास ही नहीं था कि उनकी जो बेटी चलकर अस्पताल में जा रही है, 12 घंटे बाद उसकी डेडबॉडी आएगी। पचपेड़ीनाका स्थित एक बड़े निजी अस्पताल में अनियमित पीरियड का इलाज कराने गई छात्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई।

परिजन इस घटना के बाद सदमे में है। अस्पताल प्रबंधन इस मामले में लीपापोती करने पर जुट गया है। गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार बिना लापरवाही किसी की मौत नहीं हो सकती।

CG News: इलाज में लापरवाही का आरोप

मंगलवार को वीणा गजेंद्र को निजी अस्पताल लाया गया। उन्हें नियमित पीरियड नहीं आने की समस्या के बाद गायनेकोलॉजी विभाग में भर्ती किया गया। उनके पिता पुरुषोत्तम गजेंद्र के अनुसार, उनकी बेटी 8 घंटे तक बेहोशी की हालत में रही। इस पर डॉक्टर कोई जवाब नहीं दे रहे थे। रात 9 बजे अचानक वीणा को मृत घोषित कर डॉक्टरों ने सभी को चौंका दिया।

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने हमने अपनी बेटी को खो दिया। पुरुषोत्तम के अनुसार, जब बेटी को लाया गया, तब वह पूरी तरह स्वस्थ थी। डॉक्टरों ने भी 15 से 20 मिनट का प्रोसीजर बताया था। फिर बेटी कैसे 8 घंटे बेहोश रही, यह जांच का विषय है।

परिजन इस घटना के बाद है सदमे में

परिजनों के अनुसार वीणा के चेहरे पर सूजन भी आ गई थी। परिजनों ने पैसे दिए बिना डेडबॉडी रोकने का भी आरोप लगाया। जबकि अस्पताल प्रबंधन ने इससे इनकार करते हुए कहा कि केस को देखते हुए बिल काफी कम कर दिया गया। रात में डेडबॉडी ले जाने की अनुमति भी दे दी गई थी। परिजनों की मांग है कि मामले की जांच होनी चाहिए। आखिर किस तरह 20 साल की वीणा को डॉक्टरों ने मौत के मुंह में ढकेल दिया।

Updated on:
28 Nov 2024 11:47 am
Published on:
28 Nov 2024 11:44 am
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