CG News: चौपाटी शिफ्टिंग को लेकर हुए बवाल के बाद पत्रिका ने प्रभावित दुकानदारों से चर्चा कर उनकी पीड़ा को जाना है। बताया कि प्रशासन के फैसले से हमारा सब कुछ एक झटके में खत्म हो गया…
CG News: साइंस कॉलेज मैदान के पास से शनिवार को आमानाका ओवरब्रिज के नीचे शिफ्ट की गई चौपाटी के कारण कारोबारियों को अपना भविष्य अंधकारमय नजर आने लगा है। कुछ कारोबारियों ने लोन और उधार लेकर दुकान खोली थी। इससे उनका जीवन पटरी पर चल रहा था, चौपाटी के अचानक शिफ्टिंग से उन्हें रोजी-रोटी की चिंता सताने लगी है। ( CG News ) आमानाका में दुकानें पहुंचने के बाद भी किसी कारोबारी ने अपनी दुकान नहीं खोली। उनका कहना है कि दुकान का सामान जमाने में ही पूरा दिन निकल गया। यह जगह लोगों के लिए नई होगी, ऐसे में ग्राहक आने में समय लगेगा। पत्रिका ने प्रभावित हुए ऐसे ही कुछ दुकानदारों से उनकी पीड़ा के बारे में जाना।
मोमोज विक्रेता अमित कुमार ने कहा, अब तो हमें अपनी अजीविका की चिंता है क्योंकि नई जगह चौपाटी शिफ्ट होने पर भी संशय है। शिफ्ट हो भी जाए तो वहां बिजनेस करना आसान नहीं लग रहा है। देखते हैं आगे क्या होता है।
दुकानदार अभिषेक चंसोरिया ने कहा, चौपाटी हटने से हमारी रोजी-रोटी छिन गई। यहां लगभग 60 दुकानें थीं, जिनसे करीब 500-700 लोगों का घर चलता था। व्यक्तिगत रूप से भी 5 से 10 लाख रुपए का नुकसान हुआ है जो हमने अपने स्टार्टअप में लगाया था। पहले दिन की आमदनी ठीक-ठाक हो जाती थी, घर चलता था। अब तो कोई स्थिति ही नहीं बची। ऐसा लग रहा है जैसे पेट पर लात मार दी गई हो।
हमारा सबकुछ एक ही फैसले में खत्म हो गया। हम यहां दो साल से मेहनत कर रहे थे। आगे की प्लानिंग भी यहीं की थी, लेकिन अब हमें बिना किसी स्पष्ट व्यवस्था के हटा दिया गया। हम सच में नि:शब्द हैं, स्तब्ध हैं, समझ नहीं पा रहे कि भविष्य कैसा होगा। हर शाम कॉलेज से छूटकर बच्चे आते थे। हंसते थे, बोलते थे- भैया कोल्ड कॉफी पिलाओ। उनकी वह मुस्कान, वह अपनापन बस वही बातें दिल में सबसे ज्यादा चुभ रही हैं। सब खत्म हो गया।
चाइनीज आइटम के विक्रेता परवेज अली ने कहा, आज के दौर में नौकरी की वैसे भी कमी है। इसलिए स्टार्टअप शुरू किए जा रहे हैं। हमने भी दूसरों को रोजगार देने वाली बात से प्रेरित होकर यह कम शुरू किया था लेकिन अब हम खुद ही बेरोजगार हो गए।