CG News: राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय द्वारा दो सप्ताह पूर्व किये गए तहसीलदारों के तबादले को लेकर उठा विवाद अब तक नहीं थमा है।
CG News: राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग में हुए हालिया तबादलों के खिलाफ तहसीलदारों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। सिमगा तहसीलदार नीलमणि दुबे समेत डेढ़ दर्जन तहसीलदारों को हाईकोर्ट से स्थगन (स्टे) मिल गया है। इससे मसले की गंभीरता और बढ़ गई है। विवाद बढ़ा तो प्रशासनिक व्यवस्था पर इसका गहरा असर पड़ सकता है।
दरअसल, तबादला सूची जारी होने के बाद नीलमणि दुबे ने नियमों की अवहेलना का आरोप लगाते हुए शासन के खिलाफ मोर्चा खोला था। उनके निलंबन के बाद अन्य तहसीलदारों ने भी हाईकोर्ट का रुख किया, जहां उन्हें ताबड़तोड़ स्टे मिला।
कोर्ट ने आदेश दिया है कि प्रभावित अधिकारियों को 45 दिनों के भीतर शासन के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करना होगा। इसके अलावा शासन को एक कमेटी का गठन कर इन तबादलों की समीक्षा करने कहा है। तबादलों में कई खामियां उजागर होने पर नीलमणि दुबे ने कहा, कई नायब तहसीलदारों को प्रोबेशन पीरियड में ही स्थानांतरित कर दिया गया।
CG News: यह नियमों के खिलाफ है। उन्होंने यह भी बताया कि एक ही जिले में उनका चार बार ट्रांसफर किया गया। जबकि, कुछ अन्य अधिकारियों को नियमों का उल्लंघन करते हुए कम समय में बार-बार स्थानांतरित किया गया।
गौरतलब है कि सरकार ने 13 सितंबर को 49 तहसीलदार और 51 नायब तहसीलदारों की तबादला सूची जारी की थी, जिसके बाद विवाद ने तूल पकड़ा। नीलमणि दुबे ने आरोप लगाया था कि इस प्रक्रिया में पैसों का लेनदेन हुआ है। अब जब उन्हें स्टे मिला है, तो कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने राज्य के राजस्व मंत्रालय के सचिव से दुबे के निलंबन को समाप्त करने की मांग की है।