CG News: राजधानी रायपुर में बिना लाइसेंस पटाखा दुकानें संचालित हो रही है। 8 साल पहले एमपी में पटाखा फैक्ट्री में हादसे के बाद अवैध दुकानों को नोटिस मिला, फिर भी लापरवाही जारी है।
CG News: रायपुर की 175 पटाखा दुकानों में से सिर्फ 35 दुकान संचालकों का लाइसेंस रिन्युअल किया गया है। क्योंकि, सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन के आदेश के बाद इन दुकानों को शहर के बाहर शिफ्ट किया गया था। बाकी की 140 दुकानों का लाइसेंस रिन्युअल नहीं किया गया। ये दुकानें अभी भी शहर के अंदर घनी आबादी में संचालित हैं।
2018 में हाईकोर्ट के आदेशानुसार राजधानी में घनी आबादी के बीच संचालित पटाखा दुकानों को शहर से बाहर करना था। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा पटाखा व्यापारियों को दी गई मियाद बार-बार बढ़ाई गई। इसके बाद वर्ष 2015 में मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के पेटलावद में पटाखा फैक्ट्री में हादसे के बाद जिला प्रशासन ने 175 स्थायी पटाखा का कारोबार करने वालों की दुकानों को शहर के बाहर शिफ्ट करने के लिए कड़ा नोटिस भेजा था।
पहले 24 दिसंबर 2015 तक दुकानें शिफ्ट करने की बात कही गई, लेकिन कारोबारियों ने दबाव बनाया तो शिफ्टिंग की मियाद बढ़ाकर 15 मार्च 2016 कर इसके बाद यह बढ़ाकर 30 नवंबर 2017 कर दी गई थी। इसके बावजूद कई दुकान जो शहर के बाहर नहीं किए गए वे बिना लाइसेंस संचालित हो रहे हैं और प्रशासन भी लापरवाह बना हुआ है।
CG News: लाइसेंसधारी स्थायी पटाखा कारोबारियों को 400 किलोग्राम तक पटाखा रखने की अनुमति है। इसे बाद भी बिना लाइसेंस के ही दुकान संचालकों द्वारा इससे ज्यादा स्टॉक जमा रहता है। यदि किसी दुकान में हादसा होने की स्थिति में हजारों लोग चपेट में आ सकते हैं।