CG Smart Meter: अब स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। प्रदेशभर में 54 लाख से ज्यादा उपभोक्ता हैं, जिनके घर अब स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर मोबाइल के सिम की तरह काम करेगा।
CG Smart Meter: छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं को अब प्रीपेड की तर्ज पर पहले मीटर रिचार्ज करना पड़ेगा, इसके बाद उसे खपत के लिए बिजली सप्लाई की जाएगी। प्रदेशभर में अब स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। प्रदेशभर में 54 लाख से ज्यादा उपभोक्ता हैं, जिनके घर अब स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर मोबाइल के सिम की तरह काम करेगा। तय पैक के आधार पर उपभोक्ताओं को मीटर रिचार्ज कराना पड़ेगा। जितना रिचार्ज करेगा, उतना बिजली उपभोक्ता खर्च पाएगा।
सीएसपीडीसीएल के अधिकारियों के अनुसार, पूरा सिस्टम ऑटोमेटिक हो जाएगा। रिचार्ज खत्म होने पर ऑटोमेटिक सिस्टम से बिजली सप्लाई बंद जाएगी, जैसे मोबाइल में रिचार्ज खत्म होने पर कॉलिंग, इंटरनेट और एसएमएस बंद हो जाता है। हालांकि, रात में रिचार्ज खत्म होने पर बिजली सप्लाई (CG Smart Meter) बाधित नहीं की जाएगी। लेकिन, उसे दूसरे दिन सुबह ही स्मार्ट मीटर रिचार्ज करना पड़ेगा। वर्तमान में अभी ट्रायल के लिए घरों में लगाया जा रहा है, जिसे कुछ दिन बाद रिचार्ज कराना पड़ेगा। विभाग ने ये निर्णय बकाया बिजली बिल के भुगतान में आने वाली समस्या से छुटकारा पाने के लिए कर रहा है।
स्मार्ट मीटर रिचार्ज करने के बाद प्रतिदिन खपत के अनुसार पैसा कटेगा। उपभोक्ताओं को रिचार्ज में खर्च बजट की सूचना हर सप्ताह एसएमएस के जरिए भेजा जाएगा। वहीं, जब रिचार्ज खत्म होने वाला होगा, तो इसकी अलर्ट की सूचना सप्ताह मेें तीन बार दी जाएगी।
स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी सभी आम उपभोक्ताओं को सरकार की ओर से मिली हॉफ बिजली बिल योजना का लाभ मिलेगा। छूट का लाभ देने के लिए मीटर में ऑटोमेटिक रूप से व्यवस्था दी जाएगी, जिससे रिचार्ज में ही छूट के लाभ के अनुसार उपभोक्ता का पैसा प्रति यूनिट कटे।
सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर फ्री ऑफ कॉस्ट लगाए जाएंगे। मीटर की 10 साल की गांरटी रहेगी। 10 साल स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी मेंटेनेंस की जिमेदारी उठाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की विशेष पहल पर परिवहन विभाग द्वारा आम नागरिकों को एक और नई सुविधा दी जा रही है।
आवेदक के पते पर नहीं पहुंचने वाले ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीयन प्रमाण पत्र अब संबंधित आवेदकों को उनके जिले के क्षेत्रीय, अतिरिक्त क्षेत्रीय और जिला परिवहन कार्यालयों के माध्यम से वितरित किए जाएंगे। आम नागरिकों की सुविधा की दृष्टि से यह व्यवस्था 1 जुलाई से लागू होगी।