CIBIL Score and Marriage: छत्तीसगढ़ में अब शादी करने का ट्रेंड बदल रहा है। पहले लड़के का सरकारी नौकर होना, अच्छा वेतन पाना, लंबा-गोरा, मिलनसार और भी न जाने क्या-क्या शर्तें थीं। अब सिविल सिबिल में तब्दील हो रहा है।
CIBIL Score and Marriage: रायपुर @ ताबीर हुसैन। बेटियों का विवाह किसी यज्ञ से कम नहीं माना जाता। हर कोई चाहता है कि उसकी बेटी जिस तरह घर में नाजों से पली-बढ़ी, ठीक वैसा ही प्यार और अपनापन उसे ससुराल में मिले। इसलिए पैरेंट्स बिटिया के लिए न सिर्फ अच्छा वर तलाशते हैं बल्कि उनकी गुडविल भी देखी जाती है। अब इसमें एक और बात जुड़ गई है। बेटी दुल्हन बने इससे पहले परिवार वाले पतासाजी के अलावा लडक़े का सिबिल (क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) स्कोर भी चेक करने लगे हैं।
बीते माह महाराष्ट्र में एक शादी इसलिए टूट गई क्योंकि लडक़ी के चाचा ने लड़के से सिबिल स्कोर मांंग लिया था। तब से यह ट्रेंड चल पड़ा है। इसके पीछे तर्क यही दिया जा रहा है कि इमारत कितनी मजबूत है इसका अंदाजा उसकी नींव से ही पता चलता है।
ठीक ऐसे ही लडक़े की आर्थिक स्थिति कैसी है, वह अपने सेलरी से कितनी ईएमआई भर रहा है, कहीं वह कर्जदार तो नहीं, यह सभी जानकारी सिबिल स्कोर से पता की जा सकती है। लडक़े का ऊंचा-पूरा और गोरा होना यह पैमाना तो है, लेकिन इससे पहले आर्थिक सुनिश्चितता को तवज्जो दी जा रही है। जानकार कहते हैं कि लड़कियां हर हाल में वित्तीय सुरक्षा चाहती हैं।
केस 1: नया रायपुर निवासी आनंदिता की शादी भुवनेश्वर के विकास से तय हुई। विकास एक एमएनसी में कार्यरत हैं। आनंदिता ने विकास से सिबिल स्कोर मांगा। स्कोर 750 था। अच्छा स्कोर देखकर ही उसने शादी के लिए हामी भरी। हालांकि उसने भी मेरा सिबिल चेक किया था।
केस 2: शंकर नगर की अदिति ने बताया, लड़के वाले देखने आए। सबकुछ ठीक था। लेकिन, मैंं लड़के का सिबिल देखना चाहती थी। उसने मना कर दिया। मैंने भी शादी से इंकार कर दिया। बाद में पता चला कि उसकी सैलरी सवा लाख रुपए थी लेकिन हर महीने 90 हजार ईएमआई चुका रहा था।
कई बार देखने में आता है कि लडक़ा बंगला-गाड़ी और शान-ओ-शौकत दिखाता है लेकिन बाद में पता चलता है वह कर्ज तले दबा हुआ है। इसलिए सिबिल की जांच बहुत जरूरी है। हो सकता है लड़के पक्ष को बुरा लगे लेकिन हमेशा के लिए परेशानी आए इससे बेहतर पहले ही सबकुछ क्लियर किया जाए। - प्रदीप गोविंद शितूत, मैरिज एडवाइजर
एक हैप्पी रिलेशनशिप के लिए चाहे वह लव हो या अरैंज मैरिज हो, कुछ बातों को लेकर कपल्स के बीच ओपन डिस्कशन होना ही चाहिए। जैसे कि दोनों की करेंट हैल्थ रिपोर्ट, सिबिल रिपोर्ट, दोनों का ट्रेप्रामेंट, इटिंग और ड्रिकिंग हैबिट। सक्सेलफुल मैरिज के लिए इन बातों को अवाइड नहीं किया जा सकता, बल्कि साथ मिलकर मैनेज करना चाहिए। सिबिल स्कोर से फाइनेंशियल और लायबिलिटी का पता लग सकता है। सिबिल स्कोर दोनों पक्षों का देखा जाना चाहिए। - प्रिया जैन, लीगल एडुकेटर