BIG Breaking News: सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू और व्यापारी सुर्यकांत तिवारी को छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाले में अंतरिम जमानत दी।
Chhattisgarh Coal Scam: छत्तीसगढ़ के कथित कोयला लेवी घोटाले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू को अंतरिम जमानत दे दी। मुख्य आरोपियों में से एक बिजनेसमैन सूर्यकांत तिवारी और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया समेत 12 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। यह जमानत एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज मामले में दी गई है। बता दें कि यह मामला कोयला परिवहन से अवैध वसूली से जुड़ा है। ED की जांच में करोड़ों रुपये की हेराफेरी और कई लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
सौम्या चौरसिया को कोयला लेवी घोटाले में जमानत तो मिल है, लेकिन इसके बाद भी उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा। दरअसल सौम्या पर आय से अधिक संपत्ति का एक अन्य मामला भी दर्ज है, जिसके चलते वह अब भी जेल में रहेंगी। इस मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है, जिससे उनकी रिहाई फिलहाल संभव नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित IAS रानू साहू, निलंबित IAS समीर बिश्नोई, निलंबित राज्य सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, शिवशंकर नाग, दीपेश टांक, हेमंत जायसवाल, राहुल कुमार सिंह, चंद्रप्रकाश जायसवाल, शेख मोइनुद्दीन कुरैशी, रोशन कुमार सिंह और संदीप कुमार नाग को अंतरिम जमानत दी है।
– IAS रानू साहू को 2023 में गिरफ्तार किया गया था।
– IAS सौम्या चौरसिया को 2022 में हिरासत में लिया गया था।
– इससे पहले IAS समीर विश्नोई को भी 2022 में गिरफ्तार किया गया था।
– मुख्य आरोपी व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को भी इसी मामले में जेल भेजा गया था।
450 करोड़ से अधिक के कोल लेवी वसूली और मनी लांड्रिंग घोटाला मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, सौम्या चौरसिया और व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जांच में काफी समय लगेगा, इसलिए समय लेने वाली प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ताओं को अंतरिम जमानत पर रिहा करना उचित समझते हैं। ये सभी करीब दो वर्ष से अधिक समय से जेल में हैं। इनकी पूर्व में कई याचिकाएं खारिज हो चुकी थीं।