
ChhattisgarhLiquor Scam: शराब घोटाला मामले में जिस मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने अनवर ढेबर को जमानत दी थी, वह फर्जी निकली है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत निरस्त करने का आदेश देते हुए हाईकोर्ट को मेरिट पर प्रकरण की सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि ईडी और ईओडब्ल्यू दोनों के ही मामले में शराब कारोबारी अनवर ढेबर आरोपी है और जेल में बंद है। ढेबर ने खुद की किडनी में समस्या बताते हुए जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसे साबित करने के लिए रायपुर के डीकेएस अस्पताल के एक डॉक्टर की मेडिकल रिपोर्ट भी कोर्ट मेप्रस्तुत की। इस आधार पर हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका स्वीकार की थी।
गलत रिपोर्ट पर डॉक्टर की जा चुकी है नौकरी : रायपुर की जेल में बंद अनवर को जांच के लिए डीकेएस अस्पताल के गैस्ट्रो सर्जन डॉ. प्रवेश शुक्ला के पास लाया गया था। डॉ. शुक्ला ने ओपीडी पर्ची में डीकेएस में एंडोस्कोपी नहीं होती, लिख दिया था। इस बात की जानकारी अधीक्षक व अस्पताल प्रबंधन को हुई तो जांच की गई। 8 अगस्त 2024 को अस्पताल प्रबंधन ने आदेश जारी किया, डॉक्टर ने विचाराधीन बंदी को आपराधिक प्रवृत्ति से बचाने के लिए जानबूझकर ओपीडी पर्ची में इस तरह की टीप लिखी। इसलिए डॉक्टर को बर्खास्त किया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिवक्ता सौरभ पांडे ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सुप्रीम कोर्ट में बहस हुई। इस दौरान ईओडब्ल्यू ने रायपुर एम्स में हुई ढेबर की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की। एम्स की रिपोर्ट में ढेबर को कोई वैसी बीमारी नहीं निकली, जैसा उसने अपनी रिपोर्ट में होने का दावा किया था। यह तथ्य सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत निरस्त करते हुए हाईकोर्ट को ये प्रकरण सुनवाई के लिए भेजा है।
Updated on:
30 Nov 2024 12:46 pm
Published on:
30 Nov 2024 12:45 pm
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