Raipur News: जापानी लग्जरी हाईब्रिड कार खरीदी के बाद शोरूम से बाहर सड़क पर उतरते ही खराब हो गई। सुधारने के नाम पर ओडिशा भेजकर महीनों चक्कर लगवाने के बाद कार को कबाड़ करने के बाद लौटा दिया।
CG News: जापानी लग्जरी हाईब्रिड कार खरीदी के बाद शोरूम से बाहर सड़क पर उतरते ही खराब हो गई। सुधारने के नाम पर ओडिशा भेजकर महीनों चक्कर लगवाने के बाद कार को कबाड़ करने के बाद लौटा दिया। इसके बाद भी खराबी दूर नहीं होने पर ऑटोमोबाइल संचालक को खरीदार ने जानकारी दी, लेकिन कार को सुधारना तो दूर जवाब तक नहीं दिया। परेशान होकर खरीदार ने राज्य उपभोक्ता फोरम में दस्तावेजी साक्ष्य के साथ घटनाक्रम का ब्योरा दिया।
साथ ही बताया कि जापान की हाईब्रिड कार लेक्सस आरएक्स 350 एच कार खरीदने के बाद सर्विसिंग तक नहीं कराई गई। जबकि कई बार वह शोरूम में जाकर कार खराब होने की जानकारी दी। खरीदी के बाद ही कार में स्टार्टिंग प्राब्लम और चलते-चलते अचानक बंद हो जाती थी।
राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चैरड़िया एवं सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए नई कार देने के लिए यहां फिर 45 दिन के भीतर कार की कीमत पंजीयन राशि सहित 1 करोड़ 17 लाख 93744 रुपए लौटाने का आदेश दिया। वहीं, मानसिक कष्ट और वाद व्यय का 65000 रुपए भुगतान करने का फैसला सुनाया।
शिवालिक इंजीनियरिंग लिमिटेड रायपुर ने सीएमडी के लिए 13 अक्टूबर 2023 में हाईब्रिड कार 1 करोड़ 1 लाख 31174 रुपए में खरीदी। यह वाहन अपने मॉडल का राज्य में प्रथम होने से परिवहन विभाग में दस्तावेज निर्माता कंपनी व डीलर द्वारा 6 महीने बाद दिया। इसके बाद 9 लाख 95000 रुपए देकर पंजीयन कराया गया। लेकिन, वाहन सड़क पर उतरने के बाद ही खराब हो गई। जांच में पता चला कि बैटरी व करेंट लिकेज की समस्या थी। दूसरी बैटरी लगाने के बाद भी समस्या यथावत रही। इसे देखते हुए मुंबई और दिल्ली भेजकर सुधारने का झांसा देकर कार को भुवनेश्वर ओडिशा भेजा दिया। 4 महीने बाद कार को लौटाने पर पता चला कि उसमें 6 स्थानों पर स्क्रैच है।
शिकायत के बाद भी कार बदलकर और रकम नहीं लौटाने पर फोरम में परिवाद दायर किया। आयोग अध्यक्ष ने दस्तावेजों का निरीक्षण कर माना कि खरीदार के साथ सेवा में निम्नता बरती गई है। सुनवाई में वाहन के निर्माता लेक्सस इंडिया लिमिटेड एवं सर्विस सेंटर अनुपस्थित रहे। केवल निर्माता की सहयोगी कंपनी के प्रतिनिधि ही उपस्थित रहे। इसे देखते हुए खरीदार को 45 दिन में 1 करोड़ 18 लाख 58744 रुपए 45 दिन में लौटाने का आदेश दिया। निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं करने 9 फीसदी ब्याज दर के साथ देने होगा।