CG News: राज्य में इसे लागू नहीं किया जा सका था। लोग इसकी जरूरत महसूस कर रहे थे। बजट अभाव के कारण इस प्रोजेक्ट को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा था।
CG News: इमरजेंसी नंबर डॉयल 112 की सुविधा अब पूरे प्रदेश में मिलेगी। वर्तमान में 16 जिलों में ही यह सुविधा चल रही है। इसके जरिए पुलिस, फायर और एंबुलेंस की इमरजेंसी मदद ले सकते हैं। वर्ष 2018 में यह सुविधा 11 जिलों में शुरू की गई थी, लेकिन अब तक पूरे राज्य में इसे लागू नहीं किया जा सका था। लोग इसकी जरूरत महसूस कर रहे थे। बजट अभाव के कारण इस प्रोजेक्ट को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा था। प्रदेश भर में अब यह व्यवस्था शुरू होने से बस्तर जैसे दुर्गम इलाकों में भी लोगों को आपातकाल की स्थिति में मदद मिल सकेगी।
डॉयल 112 में चलने वाली कई गाड़ियां खराब होने लगी। इसके संचालन का नया टेंडर होने से पहले ही 400 गाड़ियां खरीद ली गई थी। ये गाड़ियां अमलेश्वर में दो साल से खड़ी थी। इन गाड़ियों को अब इस्तेमाल किया जाएगा।
टेंडर प्रक्रिया चल रही: डॉयल 112 के संचालन की जिम्मेदारी पहली बार सरकारी संस्था सीडैक को दी गई है। इससे पहले टाटा कंपनी को दी गई थी। टाटा ने काम छोड़ा, तो अस्थायी रूप से एबीपी कंपनी को दिया गया था। अब यह काम सीडैक देख रही है। सीडैक आईटी का काम देखेगी। ईआरवी संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है।
पूरे राज्य में डॉयल 112 की सुविधा नए साल से शुरू हो सकती है। वाहन संचालन की टेंडर प्रक्रिया पूरा होने और वाहनों की तैयारी में डेढ़-दो महीना का समय लग सकता है। इसलिए अगले साल से ही यह सुविधा शुरू होने की संभावना है।
रायपुर जैसे जिले में साल भर में 1 लाख से अधिक लोग इमरजेंसी मदद के लिए डॉयल 112 में कॉल करते हैं। पुलिस, फायर और एंबुलेंस के अलावा सांप काटने, एक्सीडेंट, जलभराव आदि जैसी परेशानियों में भी मदद के लिए डॉयल 112 पहुंचती है।
डॉयल 112 की सुविधा पूरे प्रदेश में शुरू की जाएगी। इसकी तैयारी चल रही है। आईटी का काम सीडैक कर रही है। वाहन संचालन की जिम्मेदारी देने टेंडर प्रक्रिया चल रही है। इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।