Chhattisgarh ED Raid: मंगलवार को शराब घोटाला मामले में ईडी ने रांची से लेकर रायपुर तक अपनी दबिश दी। झारखंड के वरिष्ठ आईएस अधिकारी विनय चौबे उनके रिश्तेदार, सीए सहित कई अन्य अधिकारियों के यहां छापेमारी की।
ED Raids: ईडी ने झारखंड में हुए शराब घोटाले की जांच करने रायपुर और कुम्हारी स्थित बडे़ शराब कंपनी के अधिकारी के दफ्तर में मंगलवार की सुबह छापा मारा। यह कार्रवाई रायपुर में जयस्तंभ चौक के पास बार, विधानसभा रोड स्थित अशोका रतन के घर, कटोरा तालाब स्थित सूर्या अपार्टमेंट और कुम्हारी स्थित शराब कंपनी में मारा गया गया है। इस दौरान ईडी की 25 सदस्यीय टीम ने शराब कारोबारी और अधिकारियों के ठिकानों में दस्तावेजों की जांच करने के साथ ही बयान दर्ज किया।
बताया जाता है कि झारखंड में हुए शराब घोटाले के कनेक्शन के जांच के लिए छापा मारा गया है। झारखंड के वरिष्ठ आईएस अधिकारी विनय चौबे उनके रिश्तेदार, सीए सहित कई अन्य अधिकारियों के यहां छापेमारी की।
बता दें कि झारखंड में हुए शराब घोटाले की छत्तीसगढ़ में बैठकर नीति तय की गई थी। इसमें झारखंड के आईएएस विनय कुमार चौबे, गजेंद्र सिंह, छत्तीसगढ़ के सेवानिवृत आईएएस अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर के अलावा झारखंड में शराब आपूर्ति, मैनपावर और होलोग्राम बनाने वाली कंपनियों के साथ ही छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी सहित उक्त सभी लोगों के करीबी लोगों के ठिकानों पर दबिश दी गई है। इसमें झारखंड के अधिकारियों उनके करीबी रिश्तेदार और सीए के 16 ठिकाने और रायपुर एवं कुम्हारी में 4 ठिकानों पर छापेमारी की है।
झारखंड में शराब नीति बनाकर घोटाला करने छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी को झारखंड में कंसल्टेंट बनाया गया था। इसके लिए एपी त्रिपाठी को 1.25 करोड़ का भुगतान किया गया। विनय चौबे, गजेंद्र सिंह ने सिंडिकेट को लाभ दिखाने के लिए मदिरा सप्लाई एजेंसी और प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए निविदा शर्त में 100 करोड़ के टर्नओवर की शर्त लागू की गई थी। कारोबार के लिए जनवरी 2022 में विनय कुमार चौबे समेत अन्य आबकारी अफसरों के साथ मिलकर शराब बिक्री का नियम बनवाया। इसके चलते शराब सिंडिकेट की आपराधिक साजिश के कारण झारखंड को 2022-23 में राजस्व का भारी नुकसान हुआ।