CG Fraud News: रायपुर के थानों में कई थानेदारों को आमलोगों की शिकायत सुनने और उनकी फरियाद पर कार्रवाई करने की फुर्सत नहीं मिलती, लेकिन अपने लिए वसूली करने वाले एजेंट को सरकारी गाड़ी में लेकर घूमते थे।
CG Fraud News: छत्तीसगढ़ के रायपुर के थानों में कई थानेदारों को आमलोगों की शिकायत सुनने और उनकी फरियाद पर कार्रवाई करने की फुर्सत नहीं मिलती, लेकिन अपने लिए वसूली करने वाले एजेंट को सरकारी गाड़ी में लेकर घूमते थे। उसके काम को प्राथमिकता के साथ निपटाते थे। ड्रग्स रैकेट में फंसे एक कारोबारी को छुड़ाने के लिए क्राइम ब्रांच का सिपाही बनकर पहुंचे फर्जी पुलिस जवान आशीष घोष उर्फ आशीष दास उर्फ आशीष शर्मा उर्फ आशीष ङ्क्षसह राजपूत के कई कारनामे हैं।
सूत्रों के मुताबिक आशीष दो आईपीएस अधिकारियों की हर तरह से खातिरदारी करता था और शहर के कई थानेदारों के एजेंट के रूप में सक्रिय रहता था। वर्तमान में पदस्थ और पूर्व थानेदारों के लिए भी आरोपी कई काम कर चुका है।
आरोपी सिपाहियों, हवलदारों, एसआई की अलग-अलग थानों में ट्रांसफर करवाता था। फिर उनसे समय-समय में वसूली करता था। कुछ दिन पहले क्राइम ब्रांच के सिपाही से वसूली करने गया था। सिपाही से उसने पैसों की मांग की। सिपाही ने मना कर दिया। इसके बाद उसने सिपाही का ट्रांसफर करवा दिया।
आरोपी आशीष शहर में कुछ थानेदारों का एजेंट के रूप में घूमता था। थानों में आने वाली शिकायतें, धोखाधड़ी के मामलों से लेकर अन्य मामलों में लाइजङ्क्षनग करता था। कई मामलों में तो थानेदार के लिए कमीशन भी ले चुका है। सटोरिए और जुआरियों के अड्डे पर भी थानों के स्टॉफ के साथ मिलकर छापा मार चुका है। कोतवाली थाने के पूर्व टीआई और एक हवलदार आरोपी को पेट्रोङ्क्षलग में अपने साथ बैठाकर घूमते थे।
आरोपी आशीष का एक भाई कांग्रेस नेता है। हालांकि दोनों भाइयों में अच्छी नहीं बनती है। कुछ दिन पहले ड्रग्स रैकेट में शामिल नव्या मलिक के पकड़े जाने के बाद कई रसूखदारों का नाम संदेही के तौर पर सामने आया है।
आशीष को पुरानी बस्ती पुलिस ने पुलिस अधिकारी बनकर घूमते हुए पकड़ा। उसके पास एसीबी का फर्जी आईडी कार्ड मिला है। उसके खिलाफ बीएनएस की धारा 204, 319(2), 336(3), 339, 340 (2) के तहत अपराध दर्ज किया है। उसे कोर्ट में पेश कर दो दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है। इसमें कई थानेदारों के अलावा कुछ अन्य लोगों के नाम भी सामने आने की आशंका है।
आरोपी आशीष ने एक सिपाही की पत्नी को भी प्रताडि़त किया था। हालांकि सिपाही ने विभाग के अनुशासन और उच्च अधिकारियों के चलते मामले की शिकायत नहीं की, लेकिन सिपाही के साथियों ने आशीष की जमकर पिटाई की थी। हालांकि इस मामले में अफसरों ने कार्रवाई होने नहीं दी।