Snake Bite: बारिश शुरू होते ही न केवल राजधानी, बल्कि प्रदेश के कई इलाकों में सर्पदंश के मामले आने लगे हैं। कई इलाकों में इससे मौत भी हुई है।
रायपुर@पीलूराम साहू। Snake Bite: बारिश शुरू होते ही न केवल राजधानी, बल्कि प्रदेश के कई इलाकों में सर्पदंश के मामले आने लगे हैं। कई इलाकों में इससे मौत भी हुई है। एक अनुमान के अनुसार सर्पदंश से हर साल प्रदेश में 500 से 600 लोगों की मौत हो जाती है। पिछले एक माह में ही 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। डॉक्टरों के अनुसार सांप डंसने के बाद बैगा-गुनिया के पास जाने के बजाय सीधे अस्पताल जाएं। अभी अस्पतालों व सीजीएमएससी के गोदामों में करीब डेढ़ लाख एंटी वेनम इंजेक्शन उपलब्ध है।
डॉक्टरों के अनुसार सर्पदंश के दो घंटे के भीतर एंटी वेनम इंजेक्शन लगने से 90 फीसदी मरीजों की जान बच जाती है। प्री मानसून बारिश के बाद से ही बिलों में रहने वाले जहरीले सांप बाहर आ रहे हैं। खासकर जून से अगस्त तक सर्पदंश के केस ज्यादा आते हैं। लक्षण के अनुसार डॉक्टर अंदाजा लगा लेते हैं कि किस सांप ने डंसा होगा। विशेषज्ञों के अनुसार सभी सांप जहरीले नहीं होते।
कई केस में मरीजों की घबराहट में जान चली जाती है। प्रदेश के जशपुर को नागलोक कहा जाता है। वहां सबसे ज्यादा केस फरसाबहार में आता है। पत्थलगांव, बगीचा, कांसाबेल, जशपुर, मनोरा व दुलदुला अस्पतालों में सर्पदंश के काफी केस पहुंचते हैं।
कोबरा व करैत काफी जहरीले सांप है। इन दोनों सांप के काटने के बाद ज्यादातर मरीजों को वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है। दरअसल फेफड़े फेल होने लगते हैं। इससे हाथ-पैर भी काम करना बंद कर देता है। आंखें बंद होने लगती है।
सीनियर फेफड़ा सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू के अनुसार ब्लड में ऑक्सीजन सेचुरेशन भी 65 से नीचे पहुंच जाता है। ऐसे केस में मरीज को वेंटीलेटर पर रखना बहुत जरूरी है। समय पर पहुंचने पर कई मरीजों की जान बचाई जा सकती है। सीजीएमएससी के वेयर हाउस में एक लाख 10 हजार 133 इंजेक्शन वितरण के लिए तैयार है।
जहरीले सांप के डंसने के बाद बैगा-गुनिया के पास जाने के बजाय दो घंटे के भीतर अस्पताल पहुंच जाएं। एंटी वेनम का डोज लगने के बाद मरीज ठीक होने लगता है। सर्पदंश के दो घंटे या इसके भीतर पहुंचने वाले 90 फीसदी से ज्यादा मरीजों की जान बचाई गई। - डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा, प्रोफेसर मेडिसिन आंबेडकर अस्पताल