नशा करके वाहन चलाने वाले (Drunk drivers ) रायपुर (Raipur) में रात में मौत बनकर (like death ) रोज घूम रहे हैं, लेकिन पुलिस की जांच ( police investigation ) केवल दो दिन होती है। इसका परिणाम है कि अक्सर शहर में हिट एंड रन की घटनाएं ( hit and run incidents ) सामने आ रही हैं।
राजधानी होने के कारण नाइट पार्टी, रात में घूमने-फिरने का कल्चर बढ़ा है। इसके साथ ही देर रात तक तेज रफ्तार या नशा करके कार चलाने वाले कई लोगों की जान ले रहे हैं। इससे कई परिवार बिखर गए हैं। किसी के घर का बेटा छीन गया तो किसी के पिता की मौत हो गई है। किसी के घर का दीपक बूझ रहा तो किसी के सिर से पिता का साया उठ रहा है। रायपुर में हर साल 200 से ज्यादा लोगों की मौत केवल हिट एंड रन के चलते हुई है। तेलीबांधा में प्रिया साहू की जान भी ऐसी ही लापरवाही के चलते चली गई है। इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
सडक़ हादसे में मौत होने पर आरोपी वाहन चालक के खिलाफ पुलिस सामान्य धाराओं में अपराध दर्ज करती है। प्रावधान के तहत आरोपी को थाने से ही छोड़ दिया जाता है। वाहन को भी छुड़ा सकते हैं। इस तरह के प्रावधानों के चलते ही ऐसे लापरवाह वाहन चालकों के हौसले बढ़ते हैं
तेलीबांधा ओवरब्रिज के पास तेज रफ्तार कार ने प्रिया साहू नामक महिला की जान ले ली। उसकी दो छोटी बेटियां हैं। प्रिया के जेठ राजेश साहू ने बताया कि आरोपी अपनी कार से प्रिया और दो अन्य महिलाओं को रौंदते हुए निकल गया। कुछ जाकर चंद सेकंड के लिए कार रुकी। फिर तेजी से फरार हो गया। घटना के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद शव को गांव ले गए। अब तक किसी ने आर्थिक मदद नहीं की और न ही किसी तरह का मुआवजा दिया। क्षेत्रीय विधायक दयालदास बघेल के कार्यकर्ता पहुंचे थे। उन्होंने कुछ मदद की है। आरोपी कार चालक को सख्त सजा मिलनी चाहिए। कार को इधर-उधर लहराते हुए चला रहा था, जिसके चलते यह हादसा हुआ है।
राजेश ने बताया कि घायल महिलाओं को भी उपचार के लिए काफी भटकना पड़ा है। पहले मेकाहारा अस्पताल ले गए। वहां से रामकृष्णा अस्पताल भेजा गया। फिर वहां से भी छुट्टी कराकर बालाजी अस्पताल ले गए। उनकी भी हालत काफी गंभीर बनी हुई है।