ताबीर हुसैन@रायपुर. 1998 मं दिलीप षडंगी गाइस रहिन, अउ अमित प्रधान लिखिस रहिन। येच जसगीत आज घलो नंबर वन हावय। गाना के बोल हावय आमा पान के पतरी, करेला पान के दोना…। अमित प्रधान कहिथें, ये मोर पहिली गाना रहिस। पहिली रायगढ़ अंचल मं हिट होइस, फेर पाछू रायपुर ले पूरा छत्तीसगढ़ मं गूंजिस। गाना […]
ताबीर हुसैन@रायपुर. 1998 मं दिलीप षडंगी गाइस रहिन, अउ अमित प्रधान लिखिस रहिन। येच जसगीत आज घलो नंबर वन हावय। गाना के बोल हावय आमा पान के पतरी, करेला पान के दोना…। अमित प्रधान कहिथें, ये मोर पहिली गाना रहिस। पहिली रायगढ़ अंचल मं हिट होइस, फेर पाछू रायपुर ले पूरा छत्तीसगढ़ मं गूंजिस। गाना ले मोला अपन जिनगी चलाय बर आज तक साधन मिलत हावय। अमित बताथें, असल मं दोना केला पान के बनथे, फेर मोर गलती ले मैं करेला लिख देंव। वो बखत ये बात खूब चर्चा मं रहिस। दिलीपजी ह कुछ कैसेट मं खेद घलो जताइस रहिन। फेर आज मं मानथंव कि ये मा के आशीर्वाद हावय जऊन ले गाना आज घलो जिन्दा हावय।
जसगीत के दू टॉप गायक
जसगीत मं दुकालु यादव अउ दिलीप षडंगी ला टॉप गायक माने जाथें। दुकालु यादव के गाना रायपुर, धमतरी, राजनांदगांव मं जादा चलथे। दिलीप षडंगी के गाना बिलासपुर, रायगढ़, जांजगीर मं बड़ गूंजथे।
ओल्ड इज गोल्ड- कोरी-कोरी नरियल, चंदवा बईगा - दिलीप षडंगी, दिया ऊपर बाती, झारा झारा नेवता - दुकालु यादव। पथरा के देवता - देवेश शर्मा
झूपे के चलन- अमित कहिथें ये गाना लेच झूपने के चलन सुरु होइस। आज तक समुझ नइ पाइसव कि काबर ये गाना मंच झूपे ला मजबूर करथे।