छत्तीसगढ़ के टोल प्लाजा ( the toll plazas of Chhattisgarh ) से गुजरने वाले वाहन चालकों की जेब (The pockets of the drivers ) पिछले काफी समय से कट रही है। रायपुर के कुम्हारी स्थित खारून टोल प्लाजा में नई दरें लागू (the implementation of new rates) होने के बाद से मनमाना शुल्क लिया जा रहा है। निशुल्क सर्विस लेन से गुजरने के बाद भी फास्ट टैग के जरिए वसूली हो रही है।
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार टोल नाका से 20 किमी के दायरे में रहने वाले निजी वाहन चालकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाना है। सर्विस लेन (टोल फ्री मार्ग) में बिना फास्ट टैग वाले वाहन से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। लेकिन, फास्ट टैग वाले वाहनों से सर्विस लेन से गुजरने के बाद भी ऑनलाइन वसूली हो रही है। 24 घंटे के अंतराल में फास्ट टैग वाली लाइन में कार से जाने का किराया 25 रुपए और कुछ घंटों बाद वापस लौटाने पर भी 25 रुपए लिया जा रहा है।
वहीं मोबाइल पर तत्काल मैसेज नहीं आने के कारण अधिकांश वाहन चालकों को इसकी जानकारी तक नहीं मिल रही है। विलंब से मैसेज मिलने पर अधिकांश वाहन चालक परेशान होने पर भी वापस टोल नाका में शिकायत करने नहीं आ रहे हैं। इस तरह की अधिकांश घटनाएं कुम्हारी टोल नाका में हो रही हैं। जहां कार चालकों से अतिरिक्त राशि ली जा रही है। बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) देशभर के टोल टैक्स का प्रबंधन, संग्रहण और पर्यवेक्षण का काम करता है।
कुम्हारी टोल नाका में जाते समय सुंदर नगर निवासी श्याम कश्यप से गत 7 अप्रैल की शाम 25 रुपए टोल लिया गया। जबकि उनता वाहन रायपुर आरटीओं में सीजी04 के नाम पंजीकृत है। अपनी इसी कार से कुछ घंटे बाद रात 8 बजे लौटने पर दोबारा 25 रुपए शुल्क लिया गया। इसके पहले भी 5 नवंबर और 31 मार्च को उनके साथ अतिरिक्त राशि ली गई। विरोध दर्ज कराने पर वापसी में 10 रुपए लौटाए गए। साथ ही गलती स्वीकार करते हुए दोबारा इसकी पुनरावृत्ति नहीं होने का आश्वासन दिया गया। पत्रिका समाचार पत्र द्वारा इसकी जांच करने पर शुल्क कटौती का विवरण भी कार मालिक द्वारा उपलब्ध कराया गया है।
कुम्हारी टोल प्लाजा में निजी वाहनों से अतिरिक्त शुल्क लिए जाने को लेकर कई बार विवाद हो चुका है। निर्धारित शुल्क से ज्यादा लिए जाने की शिकायत मिलने पर एनएचएआई द्वारा कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई थी। इसके बाद कुछ समय तक इस खेल को बंद करने के बाद दोबारा शुरू कर दिया गया है। कुछ वाहन वाहन मालिकों की शिकायत के बाद इसकी जांच करने पर वास्तविकता का पता चला। हालांकि एनएचएआई के अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच कर गड़बड़ी दूर करने का आश्वासन दिया है। साथ ही किसी भी तरह की परेशानी होने पर विभागीय अधिकारियों से संपर्क करने को कहा है।