Mahadev Satta App: बैंक खाते का इस्तेमाल 11 नवंबर 2024 से 23 अप्रैल 2025 तक हुआ है। इसमें लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन मिला है। इस मामले में चार संदेही सटोरियों को भी पकड़ा गया है।
Mahadev Satta App: किसी भी व्यक्ति को अपनी पहचान से संबंधित दस्तावेज देने से पहले एक बार पुता कर लें कि सामने वाला व्यक्ति इसका दुरुपयोग तो नहीं करेगा। महादेवबुक सट्टा ऐप को बैंक खाता और मोबाइल नंबर देने वाले कई एजेंट सक्रिय हैं। अलग-अलग बहाने से आधार कार्ड, एड्रेस प्रूफ, फोटो आदि से संबंधित दस्तावेज ले लेते हैं।
फिर इन्हीं के आधार पर बैंकों में खाता खुलवा लेते हैं। मोबाइल नंबर भी ले लेते हैं। इसके बाद बैंक खाता और मोबाइल सिम को महादेव सट्टा के पैनल संचालकों को दे देते हैं, जिससे इन बैंक खातों का इस्तेमाल सट्टे के पैसों के लेन-देन के लिए करते हैं। धोखे से दस्तावेज लेने के अलावा ज्यादातर लोग 5 से 10 हजार रुपए में अपना बैंक खाता किराए पर भी दे रहे हैं। रायपुर जिले में अब तक 5 हजार से ज्यादा बैंक खातों का पता चल चुका है।
सट्टेबाजी में इस्तेमाल होने वाले अधिकांश बैंक खाते छोटे-मोटे काम करने वालों और मजदूरों के नाम से खोले गए हैं। इनसे पहचान संबंधित दस्तावेज लेकर बैंक खातों के साथ ही मोबाइल सिम भी खरीद रहे हैं। फिर इसका इस्तेमाल महादेव सट्टा, गजानंद ऐप आदि सट्टे के लिए कर रहे हैं। तेलीबांधा थाने में इसी तरह का एक और अपराध दर्ज हुआ है।
Mahadev Satta App: अमलीडीह में रहने वाले गौरांक कुमार वलथरे के भाई विनय से अब्दुल ने उनके पहचान संबंधित दस्तावेज ले लिए। इसके बाद उन दस्तावेजों के जरिए उसके नाम से बैंक खाता खुलवा लिया। साथ ही मोबाइल सिम भी ले लिया। इसके बाद उस बैंक खाते का इस्तेमाल महादेव बुक सट्टा ऐप के पैसों के लेन-देन के लिए करने लगा। बैंक खाते का इस्तेमाल 11 नवंबर 2024 से 23 अप्रैल 2025 तक हुआ है। इसमें लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन मिला है। इस मामले में चार संदेही सटोरियों को भी पकड़ा गया है।