Mahakumbh 2025: छत्तीसगढ़ पवेलियन में रुकने वालों की फेहरिस्त में आम लोगों के साथ मंत्री से लेकर कई नेता और प्रदेश में आला अधिकारी भी शामिल हैं। सभी का भोजन एक ही जगह बनता है।
Mahakumbh 2025: देवेंद्र गोस्वामी/महाकुम्भ में छत्तीसगढ़ के लोगों को जो सुविधा मिल रही है वह किसी और राज्य के निवासी को नहीं मिल रही। दरअसल महाकुम्भ के सेक्टर 6 में स्थित छत्तीसगढ़ पेवेलियन सबसे खास है। कुम्भ में किसी और राज्य सरकार की ओर से अपने लोगों की ठहरने की ऐसी व्यवस्था नहीं की गई है। लक्ष्मीद्वार के पास स्थित यह पेवेलियन दूसरे राज्य के लोगों के लिए यह सेल्फी जोन बन गया है तो छत्तीसगढ़ वालों के लिए घर जैसा आश्रय स्थल।
13 जनवरी से शुरू हुए महाकुम्भ के 35वें दिन 16 फरवरी तक 30 हज़ार से अधिक लोग यहां ठहर चुके हैं। यहां एक साथ 500 लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई है। मौके पर मिले जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी ओम डहरिया ने बताया कि कई बार लोगों कि संख्या अधिक हो जाती है तो गद्दा बिछा कर लोगों के रुकने का इंतज़ाम किया जाता है।
भिलाई के सचिन अग्रवाल अपनी 32 सदस्यीय टीम के रसोई और भोजन परोसने का जिम्मा संभाले हुए हैं। सचिन बताते हैं कि सुबह 8 बजे से चाय के साथ शुरुआत होती है। नाश्ते में पोहा, उपमा और पूड़ी-सब्जी परोसी जाती है। दोपहर में रोटी, चावल, दाल, सब्जी और एक मिठाई रहती है। शाम को पकोड़े और चाय। रात में 11 बजे तक भोजन परोसा जाता है। एक बार में 700 से ज्यादा लोगों का भोजन बनता है। यहां जो चावल बनता है, उसे भी छत्तीसगढ़ से ही लाया गया है।
छत्तीसगढ़ पवेलियन में रुकने वालों की फेहरिस्त में आम लोगों के साथ मंत्री से लेकर कई नेता और प्रदेश में आला अधिकारी भी शामिल हैं। सभी का भोजन एक ही जगह बनता है। लोगों की सुविधा के लिए एक जनसम्पर्क अधिकारी और दो एसडीएम को यहां नियुक्त किया गया है।
छत्तीसगढ़ पवेलियन में प्रदेश की संस्कृति के झलक मिलती है। पर्यटन स्थलों और धार्मिक महत्व के स्थानों के बारे में बताया गया है। यहां से गुजरने वाले रुककर सेल्फी ले रहे हैं। शाम होते ही सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। प्रदेश के कलाकारों को वहां मंच दिया जा रहा है। संस्कृति विभाग की ओर से कलाकारों को बुलाया जा रहा है। उनके रहने और आने जाने की व्यवस्था विभाग कर रहा है।
Mahakumbh 2025: छत्तीसगढ़ पवेलियन में मिले अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उनका निर्देश है कि प्रदेश से आने वाले किसी भी श्रद्धालु को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। इस वजह से देर रात आने वाले लोगों को आसानी से प्रवेश मिल जाता है।