रायपुर

MBBS Studies in Hindi: सीएम साय का बड़ा एलान.. अब हिन्दी में भी होगी MBBS की पढ़ाई, ऐसा होगा syllabus, पढ़ें पूरी खबर..

MBBS Studies in Hindi: रायपुर जिले में सीएम विष्णु देव साय ने हिन्दी दिवस पर बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा, अब एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी की जा सकेंगी। विद्यार्थियों के पास हिंदी और अंग्रेजी में पढ़ाई करने का विकल्प रहेगा।

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Sep 15, 2024

MBBS Studies in Hindi: छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हिन्दी दिवस पर बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा, प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में इसी शैक्षणिक सत्र से हिन्दी में भी पढ़ाई होगी। विद्यार्थियों के पास हिंदी और अंग्रेजी में पढ़ाई करने का विकल्प रहेगा। इसके लिए छात्र-छात्राओं की संख्या अनुरूप आवश्यक पुस्तक उपलब्ध कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए गए हैं। इसी दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल भी मौजूद थे।

MBBS Studies in Hindi: सीएम हाउस में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सीएम ने हिंदी दिवस की बधाई देते हुए कहा, हिंदी दिवस की सार्थकता इस बात में है कि हम शासन प्रशासन और शिक्षा के हर स्तर पर हिंदी को लागू करें। उन्होंने कहा हमें इस बात की खुशी है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2022 को उत्तरप्रदेश के उन्नाव की रैली में हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने की मंशा जाहिर की थी। हम उसका क्रियान्वयन करने जा रहे हैं।

MBBS Studies in Hindi: ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा, वर्तमान में राज्य में 10 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय हैं। हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने का सबसे अधिक लाभ हमारे ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को होगा, जो अधिकतर हिंदी मीडियम से होते हैं और प्रतिभाशाली होते हैं, लेकिन अंग्रेजी की वजह से उन्हें चिकित्सा पाठ्यक्रम में कुछ दिक्कत आती है। अब यह दिक्कत दूर हो जाएगी। इससे चिकित्सा छात्र छात्राओं का आधार भी मजबूत होगा और अच्छे चिकित्सक तैयार करने में मदद मिलेगी। मातृभाषा में शिक्षा देने का यह सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इससे विषय की बारीक समझ बनती है। इसे हम छत्तीसगढ़ में हर स्तर पर लागू करेंगे।

ऐसा होगा रूपांतरण: किताब में हाई बीपी ही कहा जाएगा न कि उच्च रक्तचाप

आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में 2022 से एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी की किताबों से हो रही है और छात्रों को भी बड़ा फायदा मिला है। छत्तीसगढ़ में भी हिंदी माध्यम के छात्रों को बड़ा फायदा होगा। जानकार बताते हैं कि मेडिकल की पढ़ाई से संबंधित किताबों का रूपांतरण होगा न कि अनुवाद।

मप्र में थर्ड ईयर तक की किताबें उपलब्ध

मध्यप्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फर्स्ट ईयर में एनाटॉमी, फिजियोलॉजी व बायो केमिस्ट्री की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। अब सेकेंड व फाइनल ईयर भाग-एक की 12 विषयों की किताबों का हिंदी रूपांतरण पूरा हो चुका है। खास बात ये है कि अंग्रेजी मीडियम के छात्र भी कई बार हिंदी की किताबों से पढ़ाई करते हैं।

रीढ़ की हड्डी को स्पाइन ही पढ़ा रहे न कि मेरूरज्जू

हिंदी की किताब ऐसी तैयार की गई है, जिससे टीचर व छात्र कंफ्यूज न हो। किताबों का हिंदी अनुवाद नहीं किया गया है, बल्कि रूपांतरण किया गया है। इसमें मेडिकल के प्रचलित शब्द रखे गए हैं। उदाहरण के लिए रीढ़ की हड्डी को मेरूरज्जू के बजाए स्पाइन ही पढ़ाया जा रहा है। रक्तचाप के बजाए ब्लड प्रेशर ही पढ़ाया जा रहा है। इसी तरह अग्रभुजा को फोरहैंड, शल्यक्रिया को ऑपरेशन या सर्जरी, तापमान को टेंपेरेचर ही पढ़ाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ी बोली का भी ज्ञान छात्रों को ताकि मरीजों से बातचीत हो आसान

प्रदेश में छत्तीसगढ़ी का भी ज्ञान दिया जा रहा है। ताकि जरूरी बीमारी को छत्तीसगढ़ी में समझा जा सके और मरीजों व डॉक्टरों के बीच बांडिंग अच्छी हो। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के ज्यादातर मरीज छत्तीसगढ़ी समझते हैं। इसलिए मेडिकल कॉलेजों में इसकी क्लास भी लगाई गई, ताकि डॉक्टर भी जरूरी बीमारी को छत्तीसगढ़ी में समझ सके।

इन राज्यों में भी तैयारी

मप्र में शुरुआत और छत्तीसगढ़ में घोषणा के बाद अब देश के अन्य राज्यों में भी हिंदी में एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई शुरू करने जा रहा है। इनमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड शामिल हैं।

मप्र में इन विषयों का हिंदी में सिलेबस तैयार

फर्स्ट ईयर : फिजियोलॉजी, एनाटॉमी व बायोकेमेस्ट्री
सेकेंड ईयर : पैथोलॉजी, फामोर्कोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी व फोरेंसिक मेडिसिन
फाइनल ईयर भाग-एक: ऑर्थोपीडिक्स, ऑप्थेलमोलॉजी, ईएनटी व पीएसएम
फाइनल ईयर भाग-दो- जनरल सर्जरी, मेडिसिन, ऑब्स एंड गायनी व पीडियाट्रिक

Updated on:
15 Sept 2024 10:22 am
Published on:
15 Sept 2024 10:16 am
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