रायपुर

NEET-UG 2024: डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन से लेकर एनओसी सर्टिफिकेट की फीस हुई महंगी, अब छात्रों को देना पड़ेगा इतना GST…जानें Details

Raipur News: डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन से लेकर एनओसी व दूसरे सर्टिफिकेट के लिए फीस महंगी हो गई है।

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Aug 25, 2024

NEET-UG 2024: डॉक्टरों को अब पंजीयन से लेकर एनओसी व दूसरे सर्टिफिकेट के लिए निर्धारित शुल्क पर 18 फीसदी जीएसटी भी देना होगा। इससे पंजीयन व जरूरी सर्टिफिकेट समेत रिनुअल महंगा हो गया है। डायरेक्टर जनरल जीएसटी से पत्र आने के बाद छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल ने जीएसटी संबंधी आदेश जारी कर दिया है। यह तत्काल लागू भी कर दिया गया है।

छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराने वाले डाॅक्टरों की संख्या एक हजार के करीब है। एमबीबीएस डिग्री मिलने के बाद डॉक्टरों को छग मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बिना वे प्रदेश में प्रेक्टिस नहीं कर सकते। एमबीबीएस के बाद एमडी-एमएस पास होने के बाद पंजीयन की प्रक्रिया की जाती है। स्पेशलिटी डिग्री के बाद अगर कोई डॉक्टर सुपर स्पेशलिटी डिग्री डीएम-एमसीएच की पढ़ाई करता है तो भी नया पंजीयन कराना होगा।

एमबीबीएस के बाद पंजीयन में ये स्पेशलिटी व सुपर स्पेशलिटी की डिग्री जुड़ जाती है। गौर करने वाली बात ये है कि डॉक्टरों की वर्तमान फीस 26 फरवरी 2015 को लागू हुई थी। प्रदेश में जितने भी डॉक्टर प्रेक्टिस कर रहे हैं, उनका काउंसिल में पंजीयन जरूरी है। हालांकि कई बार काउंसिल को शिकायतें मिली हैं कि कई डॉक्टर दूसरे राज्यों में रजिस्ट्रेशन के अनुसार प्रेक्टिस कर रहे हैं। इनमें निजी अस्पतालों व कॉलेजों में सेवाएं देने वाले डॉक्टर ज्यादा है। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ एक्ट के अनुसार कार्रवाई करने का नियम है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब पीजी में एडमिशन के लिए काउंसिल में रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है। काउंसिल में केवल एलोपैथिक डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन होता है। बीडीएस, आयुर्वेद, होमियोपैथी के लिए अलग काउंसिल है।

विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद पंजीयन जरूरी

प्रदेश का कोई छात्र विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद सीजीएमसी में पंजीयन अनिवार्य है। विदेश की एमबीबीएस डिग्री को भारत की डिग्री के समक्ष है। इसके लिए एनएमसी की एफएमजीई यानी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम पास होना जरूरी है। प्रदेश में ऐसे डॉक्टरों की संख्या 50 के आसपास है, जो एफएमजीई पास कर चुके हैं। इसके बाद ही वे देश में कहीं भी प्रेक्टिस करने के लिए पात्र हैं। दरअसल विदेश से एमबीबीएस करने वाले औसतन 12 से 20 फीसदी छात्र ही एफएमजीई पास हो पाते हैं। बाकी पास नहीं हो पाते और तनावग्रस्त रहते हैं।

NEET-UG 2024: जीएसटी के बाद किस मद में कितनी फीस

  • - प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन 3300- रजिस्ट्रेशन 3300- अतिरिक्त डिग्री 2300- रेसिप्रोकल रजिस्ट्रेशन 2300- डुप्लीकेट कॉपी परमानेंट सर्टिफिकेट 2000- डुप्लीकेट कॉपी प्रोविजनल 1000- इंटर्नशिप के बाद स्थायी पंजीयन 6000- गुड स्टैंडिंग सर्टिफिकेट 2500- सीएमई फीस 5000

(मद फीस रुपए में)

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Published on:
25 Aug 2024 12:03 pm
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