
CG Medical News: छत्तसीगढ़ के राजधानी रायपुर प्रदेश के तीन निजी मेडिकल कॉलेजों में नए सत्र के लिए फीस नहीं बढ़ाई जाएगी। यहां प्रवेश लेने वाले 700 छात्रों को पिछले साल निर्धारित फीस जमा करनी होगी। फीस विनियामक कमेटी ने 2024-25 के लिए सालाना 7.45 से 7.99 लाख रुपए फीस तय की थी। दूसरी ओर इस साल मान्यता वाले दो निजी कॉलेजों को भी वर्तमान फीस के अनुसार शुल्क लेना होगा। वही जब फीस निर्धारित हो जाएगी, तब छात्रों को अंतर की राशि जमा करनी होगी।
CG Medical College: प्रदेश के 5 में 3 निजी कॉलेजों की फीस पहले से तय है। जबकि दो नए कॉलेजों की फीस निर्धारित की जानी है। प्रदेश में तय शेड्यूल के अनुसार 5 सितंबर तक पहले राउंड की काउंसलिंग की प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। तब तक दो नए कॉलेजों की फीस तय करना संभव नहीं लग रहा है। 5 कॉलेजों में एमबीबीएस की 700 सीटें हैं। इनमें 42.5-42.5 फीसदी सीटें स्टेट व मैनेजमेंट व 15 फीसदी सीटें एनआरआई कोटे के लिए आरक्षित है। प्रदेश में स्टेट व मैनेजमेंट कोटे की फीस समान है।
जबकि महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्रप्रदेश व यूपी समेत दूसरे राज्यों में इसकी फीस अलग है। यही कारण है कि छात्र चाहे, स्टेट कोटे से एडमिशन लें या मैनेजमेंट कोटे से, फीस में कोई राहत नहीं मिलती। इतना जरूर है कि मैनेजमेंट कोटे में दूसरे राज्यों के छात्र आसानी से प्रवेश ले सकते हैं, जबकि स्टेट कोटे में ऐसा नहीं होता।
कॉलेजों ने डीएमई को पत्र लिखकर फीस तय करने को कहा था। इसके बाद डीएमई कार्यालय ने फीस विनियामक कमेटी को नवा रायपुर व भिलाई स्थित कॉलेजों की फीस तय करने पत्र लिखा है। गौर करने वाली बात ये है कि तीन पुराने कॉलेजों के लिए कमेटी ने अप्रैल में निरीक्षण कर लिया था। नियमानुसार 15 फीसदी से ज्यादा फीस नहीं बढ़ाई जा सकती। सुविधा कम मिलने पर फीस घटाई भी जा सकती है।
निजी कॉलेजों में एनआरआई कोटे की 103 सीटें हैं। एक साल की फीस 35 हजार अमेरिकी डॉलर है। यानी एक साल की फीस 29 लाख 31 हजार 950 रुपए है। साढ़े चार साल कोर्स की फीस एक करोड़ 31 लाख 93 हजार 775 रुपए होती है। वर्तमान में एक यूएसए डॉलर की कीमत 83.77 रुपए है। इस हिसाब से छात्रों को फीस पटानी होगी। हालांकि इसमें कॉलेज प्रबंधन से मोलभाव कर फीस देने का ट्रेंड चल रहा है। कॉलेज प्रबंधन एक करोड़ से लेकर पूरी फीस लेते हैं। यह समय तय करता है कि बुकिंग कब की जा रही है। हालांकि ये बुकिंग वैध नहीं है, लेकिन ऐसा हो रहा है।
एनआरआई कोटे की सीटों पर दलालों की गिद्ध नजर होती है। पत्रिका रिपोर्टर ऐसे दलालों का स्टिंग ऑपरेशन कर चुका है। दलाल प्रदेश के किसी भी निजी कॉलेज में 90 लाख से लेकर 1.10 करोड़ रुपए में सीट दिलाने का दावा कर चुका है। जबकि ये सीटें काउंसलिंग से भरी जाती हैं। ये दलाल एडमिशन की गारंटी भी देते हैं। वे ये भी दावा करते हैं कि पिछले पांच साल से प्रदेश में कई छात्रों को एडमिशन दिला चुके हैं। पत्रिका की खबर के बाद एनएमसी ने एनआरआई कोटे की सीटों के लिए काउंसलिंग दिल्ली से करने का प्रस्ताव बनाया है। यह नियम अगले सत्र से लागू हो सकता है।
Updated on:
21 Aug 2024 09:40 am
Published on:
21 Aug 2024 09:39 am
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