खास तौर पर गोवा, दमन-दीव, अंडमान, मुंबई, रामेश्वरम, केरल, हैदराबाद, विशाखापट्नम, भुवनेश्वर, चेन्नई, जयपुर, उदयपुर, शिरडी, जगन्नाथपुरी, अयोध्या के साथ ही गुजरात के भुज जाने वालों की संख्या ज्यादा है।
नए साल का स्वागत करने के लिए जंगल के रिसोर्ट से लेकर शहर के अधिकांश होटल अभी से फुल हो गए हैं। चार दिन पहले से लोगों के आने का सिलसिला चल रहा है। हालात यह हैं कि बारनवापारा अभयारण्य, अचानकमार एवं उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व 29 दिसंबर से लेकर 2 जनवरी तक फुल हो चुके हैं। नए साल में भीड़ को देखते हुए पहले से रिसोर्ट की ऑनलाइन बुकिंग हो चुकी है। पर्यटक अपने परिजनों के साथ जैव विविधता, प्राकृतिक सौंदर्य और इको-टूरिज्म (वन विभाग के कॉटेज और नौका विहार) वन्यजीवों को देखने के लिए जंगलों की ओर रुख कर रहे हैं।
वहीं देशभर के अन्य डेस्टिनेशन के साथ विदेश जाने वालों की कतारें लगी हुई है ताकि सालभर की थकान और परिवार वालों के साथ पर्यटन का लुत्फ उठाया जा सके। बता दें कि पिछले 15 दिन से लगातार ट्रैवल्स संचालक टिकटें बुक करने में जुटे हुए हैं। इसके लिए 3 से 5 दिन का पैकेज उपलब्ध कराया गया है। इसमें आवागमन से लेकर रुकने-ठहरने, खाने-पीने से लेकर घूमने के लिए टैक्स और गाइड तक उपलब्ध कराया या है।
मुंबई से गोवा और दमन में क्रूज के साथ समुद्री जहाज में घूमने वालों की संख्या में इस बार इजाफा हुआ है। ट्रैवल्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टॉफी) के पूर्व अध्यक्ष रमन जादवानी ने बताया कि इस साल विदेश जाने वालों की संख्या में अपेक्षाकृत कमी आई है। विभिन्न देशों बर्फबारी और वर्तमान हालात को देखते हुए देशी डेस्टिनेशन को पसंद कर रहे हैं। खास तौर पर गोवा, दमन-दीव, अंडमान, मुंबई, रामेश्वरम, केरल, हैदराबाद, विशाखापट्नम, भुवनेश्वर, चेन्नई, जयपुर, उदयपुर, शिरडी, जगन्नाथपुरी, अयोध्या के साथ ही गुजरात के भुज जाने वालों की संख्या ज्यादा है। वहीं विदेशों में दुबई, वियतनाम, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर,शंघाई, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, श्रीलंका, भूटान, थाईलैंड, ताइवान और मकाऊ सहित अन्य देशों की ओर रुख कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान (कोटमसर, कैलाश गुफाएं, तीरथगढ़ जलप्रपात), बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य, सतरेंगा, अचानकमार, सीतानदी-उदंती में विशेष रूप से भीड़ है। उक्त सभी में जंगलों की सैर कराने के लिए जिप्सी, कॉटेज और नौका विहार और शांत माहौल को देखते हुए पक्षियों की चहचहाहट सुनने की मिलती है। खान-पान और रुकने के लिए व्यवस्था करने के कारण इस बार पिछले साल की अपेक्षा पर्यटकों की संख्या लगातार बढ रही है।
नया साल मनाने वाले पर्यटकों की संख्या पिछले साल की अपेक्षा इस बार ज्यादा है। लोग अपने परिवार के साथ नैसर्गिक और शांत वातावरण में सैर सपाटे के लिए जंगलों की ओर रुख कर रहे है।
अरुण पाण्डेय, पीसीसीएफ, वाइल्ड लाइफ