Pradhan Mantri Awas Yojana 2.0: अपने घर का सपना देखने वालों के लिए अच्छी खबर है। जिनके पास स्वयं की भूमि है, उन्हें मकान बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार अनुदान देगी। शहरी क्षेत्रों में इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है।
PM Awas Yojana: शहरी क्षेत्रों में पक्के आवास उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 शुरू की है। इसकी चार श्रेणी है। इसमें से प्रदेश सरकार ने एक श्रेणी लाभार्थी आधारित निर्माण को मंजूरी दी है। इसके तहत जिनके पास स्वयं की भूमि है, उन्हें मकान बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार अनुदान देगी। शहरी क्षेत्रों में इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है। प्रदेश के सभी कलेक्टरों से कहा गया है कि वे हितग्राहियों की पहचान के लिए रैपिड असेसमेंट सर्वे कराए और उसका डीपीआर तैयार करके केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे।
यह योजना प्रदेश के सभी 192 नगरीय निकायों में लागू होगी। माना जा रहा है कि प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव पूरा होने के बाद अब इस काम में तेजी आएगी। दरअसल, इसके सर्वे के लिए पहले भी निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन कई कारणों की वजह है इसका काम प्रभावित हो रहा था। अब प्रदेश के अधिकांश निकायों में भाजपा का कब्जा है। ऐसे में अब इस काम को प्राथमिकता सूची में रखा गया है।
लाभार्थी आधरित निर्माण योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के हितग्राहियों को फायदा होगा। जिनके बाद स्वयं की जमीन है, उनको सरकार कम से कम 35 और अधिकतम 45 वर्गमीटर कॉरपेट क्षेत्रफल में मकान बनाने का प्रावधान है। निर्मित पक्के आवास में कम से कम दो कमरे, रसोई और बाथरूम बनाकर दिया जाएगा। खास बात यह है कि इस योजना के तहत वर्तमान में निर्मित आवास के विस्तारीकरण और नवीनीकरण की अनुमति नहीं होगी।
इस साल के बजट में सरकार ने मुख्यमंत्री गृह प्रवेश समान योजना शुरू करने के निर्देश दिए है। इसका लाभ लाभार्थी आधरित निर्माण योजना में मिलेगा। इसके तहत हितग्राही द्वारा निर्धारित समयावधि में आवास पूर्ण करते हुए गृह प्रवेश करने पर प्रोत्साहन के रूप में 32,850 रुपए अलग से दिए जाएंगे।
वहीं, आवास निर्माण के लिए भौतिक प्रगति अनुसार केन्द्रांश के रूप में 1.50 लाख तथा राज्यांश के रूप में 1 लाख दिए जाएंगे। इसके बाद आवास निर्माण में लगने वाली शेष राशि हितग्राही को ही खर्च करनी होगी। हितग्राही को आवास की मंजूरी मिलने के बाद भवन का निर्माण कार्य स्वयं के खर्च से प्रारंभ करना होगा।
आवेदक के पास स्वयं के स्वामित्व की भूमि व स्थायी पट्टे की भूमि/आबादी भूमि होना अनिवार्य। (खसरा, पांचशाला नक्शा/पट्टा दस्तावेज / पात्र हितग्राही अधिकार प्रमाण पत्र)।
परिवार के समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय अधिकतम राशि तीन लाख रुपए होना चाहिए। (भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुलग्नक अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र)
शहरी क्षेत्रों में निवासरत ईडब्ल्यूएस परिवार, जिनके पास देश में कहीं भी कोई पक्का आवास नहीं है. पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत आवास निर्माण हेतु पात्र होंगे।
इस योजना के लिए 2500 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल के भू-खण्ड स्वामी अपात्र होंगे।
अस्थायी गंदी बस्ती, जिसे अन्यत्र व्यवस्थापित किया जाना प्रस्तावित है, में यह योजना क्रियान्वित नहीं की जाएगी।
योजना के तहत विधवाओं, एकल महिलाओं, दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अल्पसंयकों और समाज के अन्य कमजोर एवं वंचित वर्गों के व्यक्तियों को वरीयता दी जाएगी।