CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम मुख्यालय के सभागार को मंगलवार को विशेष बैठक हुई।
CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम मुख्यालय के सभागार को मंगलवार को विशेष बैठक हुई। ऐसा पहली बार हुआ जब जलभराव की समस्या से निपटने के लिए ऐसी बैठक हुई जिसमें विगत 15 वर्षों में महापौर, सभापति और नेता प्रतिपक्ष जैसे पदों पर रहे पूर्व पदाधिकारी एकत्रित हुए।
सभी ने मिलकर अपने-अपने सुझाव रखे। बैठक में पूर्व महापौर किरणमयी नायक, पूर्व महापौर प्रमोद दुबे, पूर्व महापौर एजाज ढेबर, पूर्व सभापति संजय श्रीवास्तव, पूर्व सभापति प्रफुल्ल विश्वकर्मा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष सुभाष तिवारी तथा पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं वर्तमान में सभापति सूर्यकांत राठौर शामिल हुए।
बैठक में महापौर मीनल चौबे ने कहा कि राजधानी में जलभराव बड़ी समस्या है। इसकी ठोस तरीके से प्लॉनिंग और समाधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजधानीवासियों को इस परेशानी से मुक्ति मिलना चाहिए। ऐसे मसले पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जनहित में स्थायी समाधान निकालना चाहिए।
महापौर मीनल चौबे ने बताया शहर में जल भराव समस्या दूर करने निगम के पूर्व पदाधिकारियों के अनुभव के आधार पर सुझाव प्राप्त करने के लिए बैठक में आमंत्रित किया था। सभी का सुझाव महत्वपूर्ण था। ताकि ठोस योजना बनाकर कार्य करने से समस्या का समाधान हो और लोगों को राहत मिल सके। कुछ समय लग सकता है, किंतु जो कार्य हो वह ठोस हो।
महापौर मीनल चौबे की पहल पर हुई बैठक में आए पूर्व पदाधिकारियों ने अपने सुझाव दिए। ये सभी पूर्व पदाधिकारी लंबे समय से निगम की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। पांच-पांच साल महत्वपूर्ण पदों पर रहे, लेकिन शहर के हालात जस के तस हैं। कुछ ही देर की तेज बारिश में कई हिस्सों में जलभराव हो जाता है।
इसका प्रमुख कारण है कि नालों की आपस में कनेक्टिविटी पर न तो काम हुआ और न ही जहां नाले संकरे हैं, उसका एक छोर से आखिरी तक एक समान चौड़ीकरण हुआ। कई जगह नाले अवैध कब्जों से घिरे हैं, तो कई जगह निजी जमीन के पेंच की वजह से पानी निकासी की पुख्ता व्यवस्था नहीं हुई।
2010 से 2015 तक नगर निगम में किरणमयी नायक महापौर रहीं। उन्होंने बैठक में सुझाव दिया कि शहर में जलभराव की समस्या दूर करने के लिए टीमें गठित कर कार्य योजना तैयार कर काम किया जाना चाहिए। ताकि जल्द समाधान हो सके।
क्या किया : उन्होंने कहा मैंने अपने कार्यकाल में उपायुक्त, जेडएचओ स्तर के अधिकारियों को सफाई की जिम्मेदारी दी थी। जिसे उन्होंने पूरी टीम के साथ निभाया और समस्या नियंत्रित रही।
क्या कहा : जलभराव के चिन्हित क्षेत्र की ऑनलाइन प्रक्रिया अच्छी है। नालों की स्थिति क्या है, क्या वह निजी भूमि में आ रहे हैं अथवा शासकीय भूमि है। इसकी जानकारी लेकर नालों को व्यवस्थित कर निकासी की बेहतर व्यवस्था करनी होगी।
सुझाव दिया कि पूरे शहर में अभियान चलाकर नालों को अवैध कब्जों से मुक्त कराया जाए। नालों का सीमांकन होना चाहिए, ताकि कब्जों के कारण संकरे नालों का चौड़ीकरण किया जाए।
क्या कहा : शहर के मध्य एवं भीतरी क्षेत्रों में जलभराव की समस्या का समाधान यह है कि चिंगरी नाला तक जोड़ा जाए। जब नाले आपस में जुड़ जाएंगे तो पानी निकासी तेजी से होगी।
क्या कहा : अधिकारियों को यह दायित्व समझकर जागरूक रहना होगा कि केवल टेंडर निकालकर कार्य पूरा करना नहीं होता है। क्षेत्र की स्थिति के हिसाब से पानी निकासी की सुगम व्यवस्था बनाना होगी। समता कॉलोनी जैसी पॉश कालोनी में अभी तक समस्या है।
क्या कहा : जोन स्तर पर सर्वे कर प्लॉनिंग से पानी निकासी पर काम होना चाहिए। जहां नाले और नालियां संकरी हैं, उसकी चौड़ाई बढ़ाकर और किन वजहों से जलभराव होता है, उसके समाधान पर काम करने की जरूरत है।
क्या कहा : महापौर मीनल चौबे की पहल सराहनीय है। अभी अच्छा अवसर है कि योजना तैयार कर उस पर कार्य शुरू करा देना चाहिए। अपर आयुक्त को जिम्मेदारी देकर एक अलग विभाग जो इस पर पुख्ता तौर पर काम कर सके।
निगम आयुक्त विश्वदीप ने कहा की जोन 4, 5, 6 समेत आसपास के वार्डो का पानी चिंगरी नाला में जाता है। रिंगरोड, वीआईपी रोड के जल निकासी का प्रयास प्रारंभ कराया है। जलभराव समस्या दूर करने तात्कालिक समाधान का कार्य तकनीकी दृष्टि से नगर निगम द्वारा किया जा रहा है।