यात्री एटीवीएम से टिकट निकालने खड़े रहते हैं। यहां तक कि जब एक टीटीई से पूछा गया कि टिकट क्यों नहीं दे रहे थे, तो उसके जवाब में कहा कि उनकीं शिफ्ट खतम हो चुकी है, अब जो आएगा वह देगा।
यात्रियों को मिलने वाली सुविधा ही रेलवे उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। आएदिन रायपुर रेलवे स्टेशन में टिकट लेने वाली एटीवीएम मशीन खराब रहती है। जिसके कारण अन्य एटीवीएम में यात्रियों की लंबी कतार लगी रहती है। वर्तमान में रायपुर स्टेशन में वीआईपी गेट में 1, मेन गेट में 4 और तीसरे नंबर गेट में दो मिलाकर कुल 7 एटीवीएम मशीन हैं, वहीं मुख्य गेट के सामने वाली एटीवीएम खराब है। आए दिन इनमें से कोई ना कोई एटीवीएम खराब ही रहती है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्टेशन में 5 मोबाइल यूटीएस भी शुरू किए गए हैं, लेकिन इसका लाभ यात्रियों को नहीं मिल पा रहा है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ज्यादा भीड़ होने पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं अन्य दिनों में एक या दो मोबाइल यूटीएस निकाला तो जाता है, लेकिन टीटीई इससे टिकट नहीं देते हैं। पत्रिका ने दो दिनों तक देखा कि टीटीई गपशप करते खड़े रहते हैं, लेकिन यात्रियों को टिकट नहीं देते, जबकि उनके सामने लंबी कतार पर यात्री एटीवीएम से टिकट निकालने खड़े रहते हैं। यहां तक कि जब एक टीटीई से पूछा गया कि टिकट क्यों नहीं दे रहे थे, तो उसके जवाब में कहा कि उनकीं शिफ्ट खतम हो चुकी है, अब जो आएगा वह देगा।
अधिकारियों के निरीक्षण की सूचना मिलते ही स्टेशन परिसर चमकने लगता है, लेकिन उनके जाते ही हालत जस के तस हो जाते हैं। वहीं, प्लेटफार्म 1 से लगे, ए 1 में जहां (सैलून व इंजन रखे होते हैं। वहां कई दिनों तक सफाई ही नहीं होती है, स्थिति ऐसी है कि नाली के जैसे यहां बदबू आने से यात्री परेशान हैं। सफाईकर्मी अन्य जगह काम चलाऊ सफाई तो कर देते हैं, लेकिन इस जगह झांकने भी नहीं जाते। वहीं स्टेशन में हाई अलर्ट होने के बावजूद एक दिन प्लेटफार्म में कचरे के डिब्बे के पास ब्लैक पॉलीथीन में कचरों का ढेर दिनभर पड़ा रहा, लेकिन सफाई व्यवस्था इतनी ठप है कि इसे फेंकने वाला कोई नहीं था।
रायपुर रेलवे स्टेशन में कुत्तों का डेरा बना हुआ है। हर दिन यहां प्लेटफार्म में कई कुत्ते घुमते नजर आते हैं। जबकि वर्तमान में डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस के चलते 150 से ज्यादा आरपीएफ और जीआरपी के जवान सुरक्षा में तैनात हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों जैसे रेलवे स्टोशनों, शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, बस स्टैंडों से आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया है। वहीं, इन कुत्तों को शेल्टर होम में शिफ्ट करने की बात कही है, लेकिन इसे लेकर अब तक कोई प्रयास नहीं किया गया।