Raipur Crime News: पत्रकारों से मारपीट मामले में पुलिस ने जिन बाउंसरों के आड़े-तिरछे बाल काटकर जुलूस निकाला था, एक सप्ताह बाद उसी सड़क पर माला पहनकर घूमे। इस दौरान जमकर आतिशबाजी भी हुई..
Raipur Crime News: प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में प्राइवेट बाउंसरों ने पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया था। इस घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई भी की, वहीं अब बदमाशों की रिहाई के बाद जश्न मनाने का एक वीडियो सामने आया है। देर रात जेल से बाहर आते ही बदमाशों को फूलों की माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया। इस दौरान खुशी में जमकर फटाखे भी फोड़े।
फिर फूलों की माला पहनाकर घूमे भी। बता दें कि यह वहीं सड़क है जहां एक सप्ताह पहले पुलिस ने चार आरोपियों के आड़े-तिरछे बाल काटकर जुलूस निकाला था। वहीं अब जेल से बाहर आने के बाद उसी सड़क में फूलों की माला पहनाकर घूमे। इस दौरान स्वागत के लिए भारी भीड़ रही। दूसरी ओर पुलिस वाले भी खड़े होकर तमाशबीन बनकर देखती रही।
दरअसल उरला इलाके में चाकूबाजी की घटना में घायल को अंबेडकर अस्पताल लाया गया। इसकी सूचना पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार कवरेज के लिए अस्पताल पहुंचे। वहां प्राइवेट बाउंसर जतिन ने उन्हें अंदर जाने से मना किया। इसका विरोध करने पर गाली-गलौज करते हुए धक्कामुक्की की। इसकी सूचना मिलते ही दूसरे पत्रकार भी पहुंच गए। इसके बाद बाउंसरों ने अपने साथियों को बुला लिया और पत्रकारों पर हमले कर दिए। इसमें कई पत्रकारों को चोटें आईं।
इस दौरान बाउंसर वसीम अकरम उर्फ वसीम बाबू ने एक पत्रकार पर पिस्टल तानते हुए जान से मारने की धमकी दी। इसकी शिकायत पर आरोपी बाउंसर वसीम बाबू, जतिन गंजीर, सूरज राजपूत, मोहन राव गौरी के खिलाफ मौदहापारा पुलिस ने धारा 296, 115(2), 351(2), 126(2), 3(5) बीएनएस और 25, 27 आर्स एक्ट का अपराध दर्ज किया। वसीम से पिस्टल और 22 जिंदा कारतूस जब्त किए थे। पुलिस ने चारों आरोपियों को पैदल घुमाते हुए जेल भेज दिया था।
अंबेडकर अस्पताल में निजी बाउंसरों रखने को लेकर प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं। बताया जाता है कि अंबेडकर ही नहीं अन्य सरकारी संस्थानों में वसीम के कई ठेके चलते हैं। इसके एवज में नेताओं-अफसरों तक कमीशन जाता है। कुछ माह पहले वसीम का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह नेताओं और अफसरों को कमीशन देने का जिक्र कर रहा है। अफसरों-नेताओं को कमीशन देने के कारण ही अस्पताल में बाउंसरों की गुंडागर्दी चलती है। कई मरीज के परिजनों को भी डराते-धमकाते हैं। सूत्रों के मुताबिक जेल के रसूखदार कैदियों को बीमारी के बहाने अस्पताल में विशेष सुविधा दिलाने, उनकी सुरक्षा के लिए भी यही काम करते हैं।