Raipur NIT Chaupati: रायपुर राजधानी की पहचान बन चुकी साइंस कॉलेज चौपाटी का ध्वस्तीकरण युवाओं और स्थानीय लोगों के लिए किसी सदमे से कम नहीं है।
Raipur NIT Chaupati: छत्तीसगढ़ के रायपुर राजधानी की पहचान बन चुकी साइंस कॉलेज चौपाटी का ध्वस्तीकरण युवाओं और स्थानीय लोगों के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। यह जगह सिर्फ एक फूड स्पॉट नहीं रही, बल्कि दोस्तियों की शुरुआत, रिलेशनशिप की पहली कॉफी, थके दिन का राहत कोना और स्टूडेंट लाइफ का सबसे भरोसेमंद पड़ाव रही।
अब जब यहां सिर्फ टूटी दीवारें, शांत सड़कें और उड़ती धूल है, तो शहर का युवा मन खुद को जैसे ठगा हुआ महसूस कर रहा है। हमने कुछ युवाओं से बात की। इंजीनियरिंग छात्र अमन ने कहा, हमारी क्लास खत्म होने का मतलब होता था सीधे चौपाटी। यहां बैठकर हम अपनी टेंशन भूल जाते थे। आज जब देखा कि सब मिट चुका है, ऐसा लगा जैसे अपनी कॉलेज लाइफ का हिस्सा खो दिया।
बीए की छात्रा प्राची ने आंखें भरते हुए कहा, छोटे-छोटे बर्थडे सेलेब्रेशन से लेकर रात की मैगी हर चीज की याद इससे जुड़ी थी। अब लौटने लायक कुछ भी नहीं बचा। चौपाटी सिर्फ युवाओं के लिए नहीं, बल्कि कलाकारों के लिए भी मंच थी। यहां गिटार लेकर बैठने वाले ग्रुप, फोटोग्राफी करने आते छात्र और कविताएं सुनाने वाले युवा सबकी अपनी दुनिया थी। कई युवा इस बात से भी आहत हैं कि बदलाव की प्रक्रिया में उनकी भावनाओं को नजरअंदाज कर दिया गया।
चौपाटी का खालीपन सिर्फ जगह का खालीपन नहीं, शहर के साझा पलों का खो जाना है। चौपाटी सिर्फ युवाओं की नहीं, परिवारों की भी पसंदीदा जगह थी। शीतल नाम की गृहिणी ने बताया संडे को हमारा बेस्ट डेस्टिनेशन यही चौपाटी होती थी। बच्चे यहां अपनी पसंद का खाना खाते, हम घूम लेते और थोड़ी देर का ब्रेक मिल जाता।
आज जब वे परिवार के साथ वहां पहुंचे, तो उनके शब्द थे जहां बच्चों की हंसी गूंजती थी, वहां अंधेरा और सन्नाटा मिला। दिल भारी हो गया। उन्होंने कहा कि चौपाटी का खालीपन सिर्फ जगह का खालीपन नहीं, शहर के साझा पलों का खो जाना है। साथ ही कहा कि भले ही नई जगह पर चौपाटी को शिफ्ट कर दिया गया हो लेकिन वहां न तो खुली जगह मिल पाएगी और न ही लोगों का मन लगेगा।