RakshaBandhan 2025: देश के अलग-अलग कोनों और विदेशों तक अपने भाइयों के लिए राखियां भेज रही हैं। 23 जुलाई से शुरू हुई विशेष डाक सेवा के तहत अब तक 10 हजार से ज्यादा राखियां भेजी जा चुकी हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25 फीसदी अधिक है।
RakshaBandhan 2025: रक्षाबंधन की तैयारियों ने रायपुर के मुख्य डाकघर को इन दिनों एक खास रंग दे दिया है। बहनों की भीड़ लगातार बढ़ रही है जो देश के अलग-अलग कोनों और विदेशों तक अपने भाइयों के लिए राखियां भेज रही हैं। 23 जुलाई से शुरू हुई विशेष डाक सेवा के तहत अब तक 10 हजार से ज्यादा राखियां भेजी जा चुकी हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25 फीसदी अधिक है।
इस बार अमरीका, कनाडा, यूके, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इटली, जापान, रूस, चीन, इंडोनेशिया और साउथ अफ्रीका तक भी राखियां पहुंच रही हैं। अफगानिस्तान के लिए गुरुवार को पहली राखी भेजी गई, जबकि पाकिस्तान के लिए इस बार बुकिंग बंद है। अब तक वहां भेजने कोई आया भी नहीं। सबसे ज्यादा राखियां ऑस्ट्रेलिया भेजी जा रही हैं।
जिनके भाई सेना में तैनात हैं, उनके लिए आर्मी पोस्टल सर्विस की मदद से पहले राखी आर्मी पोस्ट ऑफिस भेजी जाती है, फिर वहां से सैनिक तक पहुंचाई जाती है।
डाक विभाग ने शहर में 20 रुपए वाले राखी स्पेशल बॉक्स भी लगाए हैं, जिनमें बहनें सीधे जाकर सुरक्षित ढंग से राखी डाल सकती हैं। इसके अलावा 10 रुपए के पीले लिफाफे में 5 रुपए का टिकट लगाकर ऑल इंडिया और 41 रुपए में स्पीड पोस्ट (50 ग्राम तक) भी उपलब्ध है। वजन बढ़ने पर शुल्क अलग से लगेगा।
राखियों की बुकिंग अब हर दिन तेज हो रही है। राखी के इस पावन पर्व पर बहनों की एक ही चाहत है चाहे भाई देश में हो या सात समंदर पार, उसकी कलाई पर राखी समय से सजे।
जगमहेश डडसेना, सहायक डाक पाल( काउंटर), मुख्य डाकघर रायपुर
राखी भेजने के लिए कतार में खड़ी अल्पना और मोनिका कोरबा और पलारी के लिए राखी बुक कर रही थीं। उनका कहना था, समय से पहले राखी पहुंच जाए तो भाई को भी अच्छा लगता है और हमें भी संतोष होता है। इसलिए हमने पहले ही डाक कर दी।