Ratan Tata News: टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया।
Ratan Tata Passes Away: भारत के जाने-माने उद्योगपति और समाज सेवक रतन टाटा के निधन हो गया है। कुछ दिनों से उनकी मामूली तबियत के उतार चढ़ाव से जुड़ी खबरें सामने आ रही थीं। वहीं, बुधवार को मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। रतन टाटा के निधन की खबर सुनकर पूरा देश स्तब्ध है। देश-दुनिया की हस्तियां उनके निधन की सूचना पाकर सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रही हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ में भी रतन टाटा के निधन पर शोक की लहर है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत राज्य के कई दिग्गज नेताओं ने रतन जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
सीएम विष्णुदेव साय ने अपने अधिकारिक X हैंडल पर रतन टाटा के लिए एक लंबा पोस्ट शेयर किया। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा के निधन की खबर सुन कर बहुत दुख हुआ। रतन टाटा न सिर्फ भारतीय उद्योग जगत को सर्वोच्च स्थान पर स्थापित किया, बल्कि देश के शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और मानव कल्याण के क्षेत्र में भी शानदार काम किया है।
उन्होंने भारतीय उद्योग जगत को सर्वोच्च स्थान पर स्थापित किया। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता, मानव कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में उनके योगदान को भारतवासी सदैव याद रखेंगे। उनका सादगी पूर्ण जीवन, नैतिक नेतृत्व और परोपकार की भावना एक मिसाल थी। वह सदैव हमारी यादों में जीवित रहेंगे। उनका निधन भारत और उद्योग जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
देश और समाज में बेहतर बदलाव के लिए उनके द्वारा किए गए अभूतपूर्व कार्य हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों, उनके (Ratan Tata Death) शुभचिंतकों को संबल प्रदान करने की विनम्र प्रार्थना करता हूं। ॐ शांति!
रतन टाटा की मृत्यु किस बीमारी के चलते हुई, इस पर अभी तक हॉस्पिटल की तरफ से कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है। लेकिन अंदाज लगाया जा रहा है कि इस 86 वर्षीय रतन टाटा को कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। अब तक की जानकारी के अनुसार, रतन टाटा की मृत्यु को प्राकृतिक मृत्यु माना जा रहा है और उनके निधन के कारण को उम्र संबंधी समस्या और मामूली संक्रमण बताया जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रतन टाटा पारसी समुदाय से आते हैं और उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 में नवल टाटा के घर में हुआ था। रतन टाटा का अंतिम संस्कार पारसी या फिर हिंदू रीति रिवाज के अनुसार होगा। दरअसल, रतन टाटा का अंतिम संस्कार पारसी रीति रिवाजों के बजाय हिंदू रीति रिवाजों से किया जा सकता है।
रतन टाटा ने अपने नेतृत्व में टाटा समूह को एक नई पहचान दी। उन्होंने कई बड़ी विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिसमें टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी कंपनियां शामिल हैं। उनके नेतृत्व में टाटा समूह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन गया।
रतन टाटा को उनके सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता था। वह टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन थे, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में काम करता है। रतन टाटा को उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।
रतन टाटा का जाना देश के साथ-साथ औद्योगिक जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है। हालांकि, देश उन्हें कभी भूल नहीं पाएगा। उन्होंने देश के लिए एक से बढ़कर एक काम किए है। रतन टाटा (Ratan Tata) एक नेक और दरियादिली इंसान थे। वह मुसीबत में देश के लिए हमेशा तैयार रहते थे।