Dhan Kharidi: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए ऑनलाइन टोकन संकट गहराता जा रहा है। 27.30 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है, लेकिन प्रतिदिन खरीदी की लिमिट घटने से 2–3 मिनट में ही स्लॉट खत्म हो रहे हैं।
Dhan Kharidi: राजधानी के करीब सांकरा गांव के किसान खोरबहारा राम साहू (परिवर्तित नाम) पिछले एक हफ्ते धान बेचने के लिए परेशान हैं। बेटे की शादी करनी है, लेकिन समय पर पैसे नहीं मिल रहे हैं। वजह ऑनलाइन टोकन का नहीं मिलना। दुर्ग जिले के झीट के किसान ने बताया कि सुबह 8.05 बजे एप्लीकेशन खोलने पर टोकन का स्लॉट खत्म हो चुका था। धान की फसल घर की दुहारी में बारदाने में रखी हुई है। मकान बनाना है, लेकिन समय पर धान नहीं बिक पा रहा है।
धान बेचने के लिए एंड्राइड मोबाइल से मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करने के बाद ऑनलाइन टोकन बुक करना पड़ता है। प्रदेशभर की सहकारी समितियों के लिए यह मोबाइल एप्लीकेशन एक साथ खुलता है और 2 से 3 मिनट में ही स्लॉट खत्म हो रहा है। टोकन नहीं मिलने की समस्या से रोजाना लाखों किसान परेशान है। सरगुजा से लेकर बस्तर तक सहकारी समितियों में टोकन नहीं मिलने की समस्या है।
इसकी एक और बड़ी वजह समितियों में रोजाना होने वाली धान खरीदी की लिमिट कम करना है। पिछले वर्ष के मुकाबले सरकार ने रोजाना धान खरीदी की लिमिट 15 से 25 प्रतिशत कम कर दी है, जिसकी वजह से खरीदी कम हो रही है। अब तक की स्थिति पर गौर करें तो प्रदेशभर में 4 लाख 39 हजार किसानों ने धान बेचा है, जबकि 27.30 लाख किसान पंजीकृत हैं। अव्यवस्था के कारण प्रदेश के कई जिलों में खरीदी केंद्रों में विरोध प्रदर्शन भी जारी है।
किसान संघों का कहना है कि जिस तरह की स्थिति बनी हुई है। इससे साफ है कि प्रदेश में 31 जनवरी तक सभी किसानों से धान खरीदी करना मुश्किल है। सरकार के सामने 50 दिन के भीतर यानि 31 जनवरी तक 23 लाख किसानों से धान खरीदी करने की चुनौती है। धान खरीदी की रोजाना लिमिट यदि नहीं बढ़ाई गई तो राज्य सरकार को 31 जनवरी से आगे तारीख भी बढ़ानी पड़ सकती है।
Dhan Kharidi: टोकन नहीं मिलने से परेशान महासमुंद जिले के किसान ने बीते दिनों खुद का गला रेंत लिया था। इधर गुरुवार को बेरला ब्लॉक के कुसमी सोसायटी के किसानों ने समिति प्रबंधक पर वसूली का आरोप लगाकर समिति का घेराव किया। किसानों ने आरोप लगाया कि टोकन व बिक्री के लिए 1000 से लेकर 4000 रुपए तक की वसूली हो रही है। मौके पर बेरला तहसीलदार ने केंद्र पर किसानों का बयान लिया। इधर, दुर्ग के कोडिय़ा और चंदखुरी में पर्याप्त संख्या में टोकन जारी करने को लेकर गुरुवार को छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के आह्वान पर खरीदी केद्र में किसानों ने प्रदर्शन किया।
15 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी में 5 दिसंबर तक की स्थिति पर गौर करें तो कुल 4 लाख 39 हजार 511 किसानों ने 22 लाख टन धान की बिक्री की है। मतलब 20 दिन में मार्कफेड ने प्रतिदिन 21 हजार 972 किसानों से धान खरीदी की है। 31 जनवरी तक बाकी 23 लाख से अधिक किसानों से धान खरीदी करने के लिए रोजाना 46 हजार से ज्यादा किसानों से धान खरीदना पड़ेगा।
सहकारी समितियां- 2739
पंजीकृत किसान- 2730006
अब तक धान खरीदी- 22 लाख टन
कितने किसानों ने धान बेचा- 4 लाख 39 हजार 511
किसानों को कुल भुगतान- 5,277 करोड़ रुपए
किसानों को अब तक टोकन जारी- 8 लाख 97 हजार 799
(नोट-आंकड़े मार्कफेड से जारी 5 दिसंबर तक की स्थिति में)
Dhan Kharidi: बीते वर्ष के मुकाबले धान खरीदी की लिमिट कम रखे जाने की जानकारी मिली है। इसे बढ़ाने के लिए मैं राज्य सरकार से चर्चा करूंगा। टोकन नहीं मिलने की समस्या किसानों ने भी बताई है। किसानों को यह कहना चाहूंगा कि जिनका पंजीयन सोसायटी में है शासन-प्रशासन उनसे धान खरीदेगा। किसानों को धैर्य रखना चाहिए— संदीप शर्मा, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग
जहां लिमिट बढ़ाने का प्रस्ताव मिल रहा है, वहां कलेक्टरों से बात करने के बाद लिमिट बढ़ाई जा रही है। टोकन का विंडो 10 दिन के स्थान पर अब 20 दिनों के लिए वैध कर दिया गया है। इससे समस्या से राहत मिलेगी-जितेंद्र शुक्ला, प्रबंध संचालक, छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड)