रायपुर

PG में बाहरी छात्रों को 75 फीसदी आरक्षण… बढ़ा विवाद, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने HC में कहा- खारिज करें याचिका

Reservation in Medical PG: पीजी कोर्स में ऑल इंडिया कोटे के लिए 50 व ओपन कैटेगरी के लिए 25 फीसदी सीटें देने से प्रदेश में बड़ा विवाद चल रहा है। इस कारण आवंटन सूची भी जारी नहीं की जा सकी है..

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Dec 16, 2025
पीजी में बाहरी छात्रों को 75 फीसदी आरक्षण... गरमाया विवाद .(photo-patrika)

Reservation in Medical PG: एमडी-एमएस कोर्स यानी मेडिकल पीजी में 75 फीसदी सीटों के बाहरी आरक्षण मामले में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट से कहा है कि याचिका खारिज कर दी जाए। डीएमई के इस रूख से नीट पीजी क्वालिफाइड छात्र भी भौंचक है। इस मामले में हाईकोर्ट में 16 दिसंबर को सुनवाई होने वाली है। उम्मीद की जा रही है कि हाईकोर्ट फैसला भी सुना दे।

Reservation in Medical PG: 25 फीसदी सीटें देने से बड़ा विवाद शुरू

पीजी कोर्स में ऑल इंडिया कोटे के लिए 50 व ओपन कैटेगरी के लिए 25 फीसदी सीटें देने से प्रदेश में बड़ा विवाद चल रहा है। इस कारण आवंटन सूची भी जारी नहीं की जा सकी है, जो 10 दिसंबर को होने वाली थी। पत्रिका को छात्रों ने बताया कि डीएमई का कोर्ट में जवाब आश्चर्य करने वाला है। अपना पक्ष रखते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने ये भी कहा है कि याचिकाकर्ताओं की धारणा गलत है कि उनके लिए केवल 25 फीसदी सीटें ही शेष है। घोषित मेरिट सूची में याचिकाकर्ताओं के नाम है। इसलिए हाईकोर्ट में लगाए गए पिटीशन को खारिज किया जाना चाहिए।

डीएमई को आगे कर दिए, असल पॉवर कमिश्नर के पास

राज्य शासन कोर्ट-कचहरी व एनएमसी से जुड़े मामलों में डीएमई को आगे कर देता है। जबकि असल पॉवर कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन के पास है। डीएमई के पास तो कोई अधिकार ही नहीं है कि वे ऐसे महत्वपूर्ण मामलों में आगे आए। यही नहीं काउंसिलिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य से भी डीएमई को अलग रखा गया है। डीएमई के हस्ताक्षर से कभी-कभार कुछ आदेश जारी हो रहे हैं, जिसमें कमिश्नर द्वारा अनुमोदित लिखा रहता है। कई जानकारों का कहना है कि शासन ने डीएमई को एक शाखा प्रभारी जैसा पॉवर देकर रखा है, जो सोचनीय है।

क्यों हाे रहा है विवाद, प्रदेश में अजब नियम

दरअसल प्रदेश में लंबे समय से इंस्टीट्यूशनल डोमिसाइल का नियम लागू है। इसका विरोध होने पर राज्य शासन ने 1 नवंबर को नया गजट नोटिफिकेशन कर दिया। इसमें हैल्थ साइंस विवि से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों में पढ़े एमबीबीएस छात्रों को पीजी में प्रवेश की बात कही गई है। इस पर भी विवाद होने के बाद दिसंबर में गजट नोटिफिकेशन कर 50 फीसदी ऑल इंडिया पहले से निर्धारित व 25 फीसदी ओपन कैटेगरी के लिए सीटें रिजर्व कर दी हैं। दरअसल हाईकोर्ट ने एक छात्रा की याचिका पर 100 फीसदी स्थानीय डोमिसाइल को रद्द कर दिया था। इसे राज्य शासन अलग ही प्रचारित कर नया नियम बना दिया है, जो मेडिकल एक्सपर्ट के अनुसार स्थानीय छात्रों के हित में नहीं है।

Updated on:
16 Dec 2025 05:15 pm
Published on:
16 Dec 2025 02:51 pm
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