CG School: अब राज्य के सभी प्ले स्कूल यानी पूर्व-प्राथमिक विद्यालयों को तीन माह के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसकी जिम्मेदारी स्कूल शिक्षा विभाग को दी गई है।
CG School: छत्तीसगढ़ देश का तीसरा ऐसा राज्य बन गया है जहां प्ले स्कूल के लिए नियम बनाया गया है। अब राज्य के सभी प्ले स्कूल यानी पूर्व-प्राथमिक विद्यालयों को तीन माह के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसकी जिम्मेदारी स्कूल शिक्षा विभाग को दी गई है।
जानकारों के अनुसार, देश में अभी मध्यप्रदेश और गुजरात में ही प्ले स्कूल के लिए गाइडेंस बनाए गए हैं जहां इसकी जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग के पास है। विभाग के गाइडेंस के अनुसार, अब पंजीयन के लिए आवेदन करने वाले निजी संस्थान/संस्था को अपने नाम में स्कूल शब्द शामिल करना अनिवार्य किया गया है।
साथ ही नियमों के तहत स्कूलों को बच्चों के साथ ही शिक्षकों की पूरी रिपोर्ट रखनी होगी। इसमें बच्चों की जानकारी, बच्चों का क्वार्टरली हेल्थ चेकअप रजिस्टर, बच्चों के शुल्क की प्रमाणिक पंजी और सीए के प्रतिवर्ष की ऑडिट रिपोर्ट भी देनी होगी।
जारी हुए दिशा-निर्देश में कहा गया है कि राज्य में पीआईएल और अन्य याचिकाओं में उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देश एवं शासन द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार प्ले स्कूल नियम बनाया जाना प्रस्तावित है। जिसके तहत पूर्व प्राथमिक स्कूलों के संचालन के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी गाइडेंस में कहा गया है कि गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय पूर्व-प्राथमिक विद्यालय पालक शिक्षक समिति (पीटीएम) का गठन करेगा। समिति का गठन विद्यालय प्रारंभ होने के 1 माह के भीतर किया जाएगा। समिति का कार्यकाल 1 वर्ष का होगा। समिति में 75 प्रतिशत पालक व 25 प्रतिशत शिक्षक होंगे।
अध्यक्ष का मनोनयन पालकों के बीच से किया जाएगा। वही पालकों में 75 प्रतिशत महिलाएं होगी और इसमें सभी कक्षा से पालक सदस्य लिए जाएंगे। समिति ही बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ वातावरण एवं खेल-खेल में शिक्षा सुनिश्चित करेगी। समिति की त्रैमासिक मीटिंग होगी और मीटिंग में चर्चा के बिन्दुओं को रजिस्टर में नोट करना होगा।
दिशा-निर्देश में अशासकीय प्ले स्कूलों के लिए मान एवं मानक भी तय किए गए हैं। इसमें भवनों के लिए जहां प्रत्येक स्कूल के कक्षा हवादार हो, बाधा रहित पहुंच हो, बालक-बालिकाओं और दिव्यांग बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, कक्षा के साथ सभी जगह पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था, खेल क्षेत्र, अग्निशमन यंत्र, स्कूल में बाउंड्रीवाल, आवश्यकतानुसार मेडिकल सुविधा, पीरियडिक पेस्ट कंट्रोल होना चाहिए। साथ ही शैक्षणिक सामग्री, पुस्तकालय और खेल सामग्री की सुविधा होनी चाहिए।
गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय पूर्व-प्राथमिक विद्यालय संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को पंजीयन के लिए आवेदन तीन माह के भीतर प्रस्तुत करेगा। वही जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके जिले में संचालित विद्यालयों का पंजीयन आदेश जारी होने की तारीख से तीन माह के भीतर हो जाए।