खरोरा सडक़ हादसे (The Kharora road accident ) में वाहन चालकों की बड़ी लापरवाही उजागर (exposed) हुई है। ट्रेलर में लोड मशीनरी आइटम डाले से बाहर निकले थे तो दूसरी ओर ग्रामीणों के मिनी ट्रक (mini truck ) का चालक अधिक रफ्तार (high speed) में वाहन चला रहा था। सामने से आ रहे ट्रेलर को देखकर वह मिनी ट्रक को साइड नहीं कर पाया।
आशंका है कि चालक नशे में वाहन चला रहा था। इसी के चलते खरोरा पुलिस ने मिनी ट्रक चालक का भी मुलाहिजा कराया है। बताया जाता है कि छठी के कार्यक्रम के दौरान उसने शराब पी थी। इसके बाद वह मिनी ट्रक में ही सो गया था। ग्रामीणों ने घर लौटते समय उसे जगाया। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। पुलिस ने फिलहाल ट्रेलर चालक अमित कुमार बर्मन के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। उसे गिरफ्तार कर लिया है।
घटनास्थल सिंगल लेन रोड है। इस रोड पर भारी वाहन अधिक चलते हैं। बलौदाबाजार, भाटापारा होते हुए बिलासपुर तक कनेक्टिविटी के चलते छोटे-बड़े वाहन अधिक चलते हैं। इसके चलते लगभग रोज सडक़ हादसे हो रहे हैं। इस रोड में पिछले चार माह में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
हादसे की सूचना मिलते ही एसएसपी लाल उमेद सिंह, कलेक्टर डॉक्टर गौरव कुमार सिंह व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। घटनास्थल से लौटने के बाद अंबेडकर अस्पताल पहुंचे। देर रात तक विधायक गुरु खुशवंत साहेब, अनुज शर्मा भी पहुंच गए। घायलों के इलाज का अपडेट लेते रहे। सोमवार सुबह पोस्टमार्टम कराने फिर एसएसपी व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।
जिम्मेदारों की उदासीनता से मालवाहकों, मिनी ट्रकों में लोगों को बैठाकर ले जाने पर प्रतिबंध हवाहवाई साबित हो रहा है। यही वजह है कि खरोरा सडक़ हादसे में 13 लोगों की मौत जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में आज भी मालवाहक वाहनों में बड़ी संख्या में लोगों को बैठाकर आना-जाना किया जा रहा है। इससे सडक़ हादसे में कई लोगों की जान जा रही है। खरोरा सडक़ हादसे में भी छ_ी कार्यक्रम में शामिल होने मिनी ट्रक में सवार होकर करीब 40 लोग गए थे और उसी से वापसी के दौरान हादसा हो गया। परिवहन, पुलिस विभाग ऐसे मालवाहक वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है।
कर्वधा में 20 मई 2024 को तेज रफ्तार पिकअप पलटकर 20 फीट गहरे गड्ढे में गिर गई थी। इसमें सवार 18 महिलाओं और 1 पुरुष की मौत हो गई थी। हादसा कुकदूर थाना क्षेत्र के बाहपानी गांव के पास हुआ था। इसके बाद शासन ने मालवाहक वाहनों में सवारी ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। कुछ दिनों तक पुलिस ने कार्रवाई भी की। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।