रायपुर

CG News: छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणियों को ले सकेंगे गोद, जंगल सफारी और कानन पेंडारी से होगा शुरू

CG News: रायपुर के जंगल सफारी और बिलासपुर के कानन पेंडारी से शुरू करने योजना बनाई गई है। एनीमल अडॉप्ट स्कीम को तैयार करने के बाद इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है।

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Oct 31, 2025

CG News: @ राकेश टेंभुरकर। राज्य में पहली बार कर्नाटक और उत्तरप्रदेश की तर्ज पर अब नागरिक के साथ ही विभिन्न संस्थाएं भी वन्य प्राणियों को गोद (अडॉप्ट) ले सकेंगे। इसकी शुरूआत रायपुर के जंगल सफारी और बिलासपुर के कानन पेंडारी से शुरू करने योजना बनाई गई है। एनीमल अडॉप्ट स्कीम को तैयार करने के बाद इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है।

स्वीकृति मिलते ही न्यूनतम दान की राशि और गोद लिए जाने लिए शर्तों को सार्वजनिक किया जाएगा। साथ ही दान देने वाली संस्था और नागरिकों की नाम पट्टिका संबंधित वन्य प्राणी के बाडे़ और सार्वजनिक स्थान पर लगाई जाएगी। उन्हें आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80जीके तहत छूट भी मिलेगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत योजना को प्रतिसाद मिलने पर चिड़ियाघर, टाइगर रिजर्व, अभयारण्य एवं राष्ट्रीय उद्यान में शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।

बैंक खाते में जमा होगी राशिदानदाताओं से सहायता राशि लेने के लिए बैंक खाता खोला जाएगा। इसमें वह राशि जमा कराने के साथ ही अपना नाम जुड़वा सकेंगे। दान में मिली राशि की निगरानी के लिए अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। हर साल खाते का ऑडिट कराया जाएगा। दान में मिली संबंधित वन्य प्राणी के देखरेख भोजन से लेकर चिकित्सा और अन्य खर्च किया जाएगा। साथ ही इसका हिसाब भी रखा जाएगा। वहीं गोद लेने वाले को जीव की प्रगति की रिपोर्ट भी मिलेगी।

राज्य और केंद्र सरकार से करोडो़ं रुपए का अनुदार टाइगर, एलीफेंट प्रोजेक्ट के साथ ही वन के साथ ही वन्य प्राणियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए मिलते है। इसके बाद भी वन्य प्राणियों की संख्या लगातार कम हो रही है।

योजना को शुरू करने के साथ ही व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार और बैंक खातों को सार्वजनिक किया जाएगा। इसके लिए सोशल मीडिया, सार्वजनिक स्थान पर पोस्टर-बैनर और विज्ञापन जारी कर सहयोग देने की अपील की जाएगी। ताकि लोगों की इसमें दिलचस्पी हो। जनवरी 2022 में बाघ को बचाने और संरक्षण संवर्धन करने के लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व के तत्कालीन फील्ड डायरेक्टर ने बैंक में खाता शुरू करवाया था। लेकिन, प्रचार-प्रसार के अभाव में 10000 रुपए तक जमा नहीं हुए। इस खबर को पत्रिका ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया था।

संरक्षण और संवर्धन की कोशिश भारत सरकार के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कई प्रोजेक्ट में दान या सहयोग के विकल्प होते हैं। इसी की तर्ज पर राज्य में यूपी और कर्नाटक की तरह अडॉप्ट स्कीम को जल्दी ही शुरू किया जाएगा। -अरूण कुमार पांडेय, पीसीसीएफ, वाइल्ड लाइफ

Updated on:
31 Oct 2025 09:01 am
Published on:
31 Oct 2025 08:59 am
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