CG Mandir Prasad: डोंगरगढ़ के मंदिरों की प्रसाद जांचने खाद्य विभाग ने निर्देश दिए। छत्तीसगढ़ के इन मंदिरों में भी प्रसाद की गुणवत्ता की जांच होगी।
CG Mandir Prasad: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम में जावनरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाए जाने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले के बाद अब कई मंदिर में बाहर के प्रसाद पर बैन लगा दिया गया है। इसी कड़ी में अब डोंगरगढ़ जिले के मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता की भी जांच होगी। खाद्य एवं औषधि विभाग ने इसके लिए आदेश जारी किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, प्रसाद का सैंपल लिया जाएगा। वहीं, नवरात्र में मंदिरों में देवभोग घी का प्रसाद में उपयोग किया जाएगा। बता दें कि तिरुपति मंदिर में प्रसाद विवाद के बाद ये फैसला लिया गया है। इधर, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर में बाहरी प्रसाद पर बैन लगा दिया है। CG Mandir Prasad अब घर का प्रसाद और ड्राई फ्रूट का ही भोग लगा सकेंगे। समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने मथुरा वृंदावन में प्रसाद की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
CG Mandir Prasad: मां बम्लेश्वरी शक्तिपीठ का इतिहास 2,200 वर्ष पुराना हैं। प्राचीन समय में डोंगरगढ़ वैभवशाली कामाख्या नगरी के रूप में जाना जाता था।
मंदिर की अधिष्ठात्री देवी मां बगलामुखी हैं, जिन्हें मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है। जिसे मां बम्लेश्वरी के रूप में पूजा जाता है। मां बम्लेश्वरी के दरबार में पहुंचने के लिए 1100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। रोप-वे की भी सुविधा है।
पहाड़ी के नीचे छोटी बम्लेश्वरी का मंदिर है, जिन्हें बड़ी बम्लेश्वरी की छोटी बहन कहा जाता है। यहां बजरंगबली मंदिर, नाग वासुकी मंदिर, शीतला मंदिर भी है।