Naxal Funding Case Update: नक्सल टेरर फंडिंग मामले में लगातार बड़ा खुलासा होते जा रहा है। नक्सल सहयोगी का मारीशस में अकाउंट मिलने से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
Naxal Funding Case Update: नक्सल सहयोगियों का अब विदेशों में भी बैंक खाता होने का खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में मानपुर क्षेत्र के एक नक्सल सहयोगी का मुबंई स्थित स्टेट बैक ऑफ मॉरीशस में खाता होने का मामला सामने आया है। पुलिस अब नक्सलियों व उसके सहयोगियों के विदेश में बैंक खाता होने की हर एंगल से जांच में जुटी है। जांच के बाद विदेशों के बैंक में फंड होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि नक्सल विरोधी अभियान के तहत मोहला-मानपुर अंबागढ़ चौकी पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। ठेकेदारों से नक्सलियों के लेव्ही वसूलने में संलिप्त 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों द्वारा लेव्ही के पैसे से नक्सल सहयोगी सूरजू राम टेकाम के लिए फ्लाइट टिकट बुक कराने के आलावा नक्सलियों को सामान सप्लाई करने का खुलासा हुआ है।
मामले में मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी एसपी वायपी सिंह ने बताया कि पकड़े गए पांच नक्सल सहयोगियों के बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। जिसमें मुंबई स्थित स्टेट बैंक ऑफ मारीशस में खाता होने की जानकारी सामने आई है। भैरमगढ़ क्षेत्र में तेंदूपत्ता ठेकेदार से जंगल क्षेत्र में काम करने के एवज में नक्सलियों ने अपने समर्थक सोनाराम फरसा, विजय जुर्री, रामलाल करमा और राजेंद्र कड़ती की सहायता से ठेकेदार को धमकी देकर करोड़ों रुपए की लेव्ही वसूली किए।
Naxal Funding Case Update: सोनाराम फरसा, विजय जुर्री, रामलाल करमा, राजेंद्र कड़ती ने अपने बैंक अकाउंट के माध्यम से लेव्ही के तकरीबन 60 लाख रुपए प्राप्त किए। बाद में बैंक से नकदी निकालकर नक्सलियों को पहुंचाने का कार्य करते थे। राजेंद्र कड़ती का बड़ा भाई मोहन कड़ती कुख्यात नक्सली कमांडर है जो भैरमगढ़ क्षेत्र का है। सभी कई सालों से नक्सलियों से मिलकर ठेकेदारों से लेव्ही वसूली, नक्सलियों को राशन, दवाई व अन्य जरूरत की सामग्री की सप्लाई कर रहे थे।
इन लोगों द्वारा लेव्ही वसूली ऑनलाइन बैंक खाते के माध्यम से किया गया। बैंक से नकदी निकालकर नक्सलियों तक पहुंचाने का काम किया जाता था। पुलिस अब इन लोगों के फाइनेंशियल ट्रेल व इलेक्ट्रॉनिक सहित अन्य दस्तावेजों का विश्लेषण कर गहना से जांच में जुटी है।