जिले में लगातार हो रहे सड़क हादसों को लेकर प्रशासन अब पूरी तरह से गंभीर हो गया है।
राजसमंद. जिले में लगातार हो रहे सड़क हादसों को लेकर प्रशासन अब पूरी तरह से गंभीर हो गया है। बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा ने की। बैठक में सड़क हादसों की रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठाने पर विस्तार से चर्चा हुई। कलक्टर ने कहा कि “सड़क हादसे आज चिंता का विषय हैं। सभी विभाग आपसी समन्वय से ऐसे प्रभावी उपाय करें, जिससे हादसों पर लगाम लगाई जा सके। बैठक में सबसे ज्यादा जोर हाईवे पर अवैध पार्किंग और आवारा पशुओं की आवाजाही को रोकने पर रहा। अधिकारियों ने बताया कि नेशनल और स्टेट हाइवे पर जगह-जगह ऐसे हालात हादसों को न्योता देते हैं। कलक्टर ने निर्देश दिए कि ऐसे स्थान चिन्हित कर तुरंत कार्यवाही की जाए।
बैठक में हाईवे और स्टेट हाइवे पर मौजूद ब्लैक स्पॉट्स और अवैध कट्स की पहचान कर उन्हें दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए गए। देसूरी नाल क्षेत्र में अक्सर हो रही दुर्घटनाओं को लेकर भी गहन चर्चा हुई और वहां सुरक्षा के ठोस इंतजाम करने पर सहमति बनी।
कलक्टर ने कहा कि सड़कों पर ओवरलोड वाहन हादसों के बड़े कारण बनते हैं। ऐसे वाहनों पर रोक लगाने के लिए परमिट, बीमा और फिटनेस की जांच नियमित रूप से होनी चाहिए। इस काम में पुलिस, परिवहन और लोक निर्माण विभाग के बीच समन्वय मजबूत किया जाएगा।
बैठक में एनआईसी के डीआईओ मिलिंद शर्मा ने बताया कि किस तरह तकनीक की मदद से सड़क सुरक्षा को बेहतर किया जा सकता है। जिला परिवहन अधिकारी अभिजीत सिंह ने चालानी कार्रवाई की रिपोर्ट पेश की और अधीक्षण अभियंता पीडब्ल्यूडी मगनीराम रैगर ने बैठक का संचालन किया।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रजत विश्नोई, पीडब्ल्यूडी अधीक्षण अभियंता मगनीराम रैगर, श्रीनाथजी उदयपुर टोलवेज के प्रोजेक्ट हेड जयनंदन मिश्रा, पीडब्ल्यूडी एसईएन हीरालाल सालवी समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।