राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर का दो दिवसीय प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन नगर स्थित दामोदरलाल खेल स्टेडियम में शुरू हुआ।
नाथद्वारा. राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर का दो दिवसीय प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन नगर स्थित दामोदरलाल खेल स्टेडियम में शुरू हुआ। संघ के प्रदेश महामंत्री सोहन जोहरम ने बताया कि सम्मेलन के मुख्य अतिथि राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक योगेश्वर गर्ग रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्यमंत्री डॉ. मंजू बाघमार उपस्थित रहीं, जबकि सम्मेलन की अध्यक्षता नाथद्वारा विधायक विश्वराजसिंह मेवाड़ ने की। मंच पर राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी, मेड़ता विधायक लक्ष्मणराम कलरू, कांग्रेस नेता देवकीनंदन गुर्जर, संघ के प्रदेश सभाध्यक्ष सत्यप्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण बारूपाल, राजीव गांधी पंचायतीराज के प्रदेश अध्यक्ष एसीपी यादव तथा प्रदेश कोषाध्यक्ष हरिराम बड़वाल भी मंचासीन रहे।
सम्मेलन के दौरान शिक्षकों से जुड़े कई गंभीर और ज्वलंत मुद्दों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। इनमें छात्रवृत्ति, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण, गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति जैसे विषय प्रमुख रहे। मुख्य अतिथि योगेश्वर गर्ग ने संगठन की मांगों पर गंभीरता से विचार कर उन्हें सरकार तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने तथा समाधान के लिए हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया। राज्यमंत्री डॉ. मंजू बाघमार ने शिक्षा को मानव के सर्वांगीण विकास का आधार बताते हुए शिक्षकों की भूमिका की सराहना की और छात्रवृत्ति राशि बढ़ाने का भरोसा दिलाया। वहीं विधायक विश्वराजसिंहमेवाड़ ने विधानसभा में शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त कराने के लिए किए गए अपने प्रयासों की जानकारी दी और कहा कि शिक्षकों को केवल शिक्षण कार्य में ही लगाया जाना चाहिए।
सम्मेलन में जिलाध्यक्ष कन्हैयालाल करोटिया ने स्वागत भाषण दिया। संघ पदाधिकारियों ने आयोजन में अजय गुर्जर के सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण बारूपाल ने संगठन का मांग-पत्र प्रस्तुत किया। प्रमुख मांगों में शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्त करना, रोस्टर का सख्ती से पालन, प्रत्येक ग्राम पंचायत में बीएलओ पद का सृजन, स्थायी स्थानांतरण नीति लागू करना, प्रबोधकों का पदनाम शिक्षक करना, जयपुर में संगठन कार्यालय के लिए भूमि आवंटन, टीएसपी से नॉन-टीएसपी के 1172 शिक्षकों का समायोजन, पाठ्यक्रम में डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन संघर्ष को समुचित स्थान देना, आदिवासी वीरांगना कालीबाई का अध्याय पुनः शामिल करना, प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण कर चुके कार्मिकों को मूल विभाग में पदस्थापित करना, कम हुए शैक्षणिक कार्यदिवसों की भरपाई के लिए सिलेबस में कटौती या विद्यार्थियों को बोनस अंक देना तथा आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटों पर आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को संविधान सम्मत आरक्षण सुनिश्चित करना शामिल रहीं।
उदयपुर संभाग के प्रदेश नेता सुरेश देशबंधु ने शिक्षकों से संगठित रहकर संगठन को और अधिक मजबूत बनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन रघुवीर रांगेरा एवं नेमाराम ने किया। सम्मेलन में मोदाराम कडेला, केसरी जनागल, शीशराम, भगवानसहाय मीणा, विजयसिंह, मधुकर, मेघराज मीणा, सीपी वर्मा, जगदीश लखानी सहित प्रदेशभर से आए अनेक पदाधिकारी तथा सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।