राजसमंद

राजसमंद में शिक्षा को नई उड़ान: 22 बेटियों को मिली स्कूटी की सौगात

राजसमंद की ऐतिहासिक मिट्टी ने मंगलवार को एक बार फिर शिक्षा और बेटियों के हौसले की नई कहानी लिखी।

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Deputy Cm Premchand Bairwa

राजसमंद. राजसमंद की ऐतिहासिक मिट्टी ने मंगलवार को एक बार फिर शिक्षा और बेटियों के हौसले की नई कहानी लिखी। मौका था एसआरके राजकीय महाविद्यालय में 1.22 करोड़ की लागत से बने पांच नए कक्षा-कक्षों के लोकार्पण का और इसी मंच से 22 होनहार बेटियों को स्कूटी की चाबियां सौंपकर उनकी पढ़ाई के रास्ते को रफ्तार दी गई। उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने जैसे ही रिबन काटा और स्कूटी की चाबी बेटियों के हाथों में रखी, कॉलेज प्रांगण तालियों से गूंज उठा। नई दीवारें, नई छत और नई उम्मीदें-सब एक साथ जश्न मना रही थीं।

'ये सिर्फ इमारतें नहीं, आत्मनिर्भरता की नींव हैं'

उप मुख्यमंत्री बैरवा ने कहा ‘‘आज हम सिर्फ कक्षाओं के दरवाजे नहीं खोल रहे, बल्कि ज्ञान, आत्मविश्वास और नवाचार के नए रास्ते खोल रहे हैं। हमारी बेटियां अब किसी पर निर्भर नहीं रहेंगी।’’उन्होंने राजस्थान की वीर धरा को याद करते हुए कहा ‘‘जिस धरती ने महाराणा प्रताप, राणा सांगा और वीर दुर्गादास जैसे महापुरुष दिए, उसी धरती की बेटियां भी आज इतिहास रचने को तैयार हैं।’’

स्कूटी की चाबियां, उम्मीदों की उड़ान

कार्यक्रम में कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना और देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना के तहत चुनी गई 22 छात्राओं के चेहरे स्कूटी की चाबी पाते ही खिल उठे। किसी ने कहा ‘‘अब स्कूल जाना आसान होगा, अब कोचिंग छूटेगी नहीं।’’ तो कोई बोली ‘‘अब मां-बाप को किसी और पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।’’

गुणवत्ता से समझौता नहीं, आंकड़े नहीं, बदलाव की कहानी

डॉ. बैरवा ने बताया कि राज्य सरकार ने इस साल 33 नए सरकारी कॉलेज, 21 सहशिक्षा महाविद्यालय, और 12 महिला महाविद्यालय खोले हैं। साथ ही 142 नए भवनों का लोकार्पण हो चुका है। शिक्षा को व्यावहारिक और रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए सेमेस्टर सिस्टम, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, और चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया गया है। उन्होंने कहा ‘‘ये सिर्फ आंकड़े नहीं, ये हर गांव, हर गली तक शिक्षा का उजाला पहुंचाने का हमारा संकल्प हैं।’’

सोशल मीडिया से दूरी, संस्कारों से नजदीकी

कार्यक्रम में मौजूद सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ ने छात्राओं को सोशल मीडिया की लत से बचने और पढ़ाई व संस्कारों पर ध्यान देने की सलाह दी। साथ ही कॉलेज मैदान के विकास के लिए 30 लाख रुपये देने की घोषणा की। वहीं, विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने अपने कोटे से स्टेट ऑफ आर्ट लाइब्रेरी के लिए 10 लाख रुपये देने की घोषणा कर पढ़ने वालों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी।

ज्ञान के नए घर में उमड़ी उम्मीदों की भीड़

कार्यक्रम में जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा, सहायक निदेशक कॉलेज शिक्षा सतीश आचार्य, भाजपा जिलाध्यक्ष जगदीश पालीवाल, पूर्व विधायक बंशीलाल खटीक, समाजसेवी गोपाल कुमावत, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष देवेश पालीवाल, प्राचार्य डॉ. सुमन बडोला, डॉ. विभा शर्मा, विजेंद्र शर्मा, स्कूटी प्रभारी डॉ. बृजेश कुमार बासोतिया, प्रो. दुर्गेश शर्मा, डॉ. प्रतीक विजय, डॉ. गोपाललाल कुमावत, डॉ. मनदीप सिंह, डॉ. अनिल कुमार कालोरिया, खुशबू, दयाशंकर, सुनील कुमार सोनी समेत कॉलेज परिवार के लोग मौजूद रहे।

उम्मीद: हर बेटियां अब पढ़ेगी, बढ़ेगी और निडर चलेगी

राजसमंद में मंगलवार का दिन सिर्फ एक उद्घाटन नहीं था। यह नई पीढ़ी के सपनों में रफ्तार जोड़ने, शिक्षा को मजबूत करने, और बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का साक्षात प्रमाण बन गया। अब उम्मीद है । ये पांच कक्षाएं सिर्फ चारदीवारी नहीं, भविष्य की दीवारों में नई ईंट साबित होंगी।

Published on:
16 Jul 2025 02:48 pm
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