चांदीपुरा वायरस से एक बालिका संक्रमित, जोधपुर एम्स में चल रहा उपचार देलवाड़ा ब्लॉक एक गांव से दो-तीन माह पहले जोधपुर मजदूरी करने गया परिवार चिकित्सा विभाग अलर्ट, टीम को भेजकर ली जानकारी, सर्तक रहने के दिए निर्देश
राजसमंद. राजसमंद जिले के देलवाड़ा ब्लॉक अन्तर्गत पीएचसी उपली ओडन के एक गांव में सात वर्षीय बालिका चांदीपुरा वायरस से संक्रमित पाई गई है। हालांकि बालिका का परिवार करीब दो-तीन माह पहले रोजगार के लिए जोधपुर चला गया था। बालिका का जोधपुर एम्स में उपचार जारी है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ डॉ. हेमंत कुमार बिंदल ने बताया कि सूचना पर रेपिड रेस्पॉंस टीम के सदस्य एपिडिमियोलोजिस्ट हरिश कुमार एवं पीएचसी उपलडी ओडन के चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष चौधरी ने मरीज के घर पर संपर्क किया। जहां पर कोई नहीं मिला। इसके पश्चात उनके पड़ौसी से मोबाइल नम्बर लेकर पीडि़त परिवार से सम्पर्क किया गया। इस पर उन्होंने बताया कि दो-तीन माह पहले मजदूरी के लिए जोधपुर चले गए थे। वहां पाली रोड स्थित एक कंस्ट्रक्शन साइट पर निवासरत थे। वहां पर बालिका का स्वास्थ्य खराब होने पर 21 जुलाई को जोधपुर एम्स में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। वहां पर जांच में गुरुवार को बालिका के चांदीपुरा वायरस से ग्रस्त होने की पुष्ठि हुई है। उन्होंने बताया कि टीम की ओर से गांव में घर-घर सर्वे किया गया। जहां कोई भी बुखार का रोगी एवं किसी भी तरह का मौसमी बिमारियों का रोगी नहीं मिला है। इस मामले की पूरी जानकारी जोधपुर सीएमएचओ कार्यालय को दी गई है, जिससे वहां आगे की कार्यवाही की जा सके।
सीएमएचओ डॉ. बिन्दल ने बताया कि चांदीपुरा वायरस के मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी दस्त होना, मिर्गी के दौरा पडऩा होता है। 15 वर्ष से छोटे बच्चे इस वायरस से प्रभावित होते है। यह वायरस मस्तिष्क पर सीधे अटैक करता है, इससे मस्तिष्क में सूजन आ जाती है। शुरू में फ्लू के लक्षण दिखते है, बाद में बच्चा कोमा में चला जाता है।
गुजरात में चांदीपुरा वायरस के चलते कई बच्चों की मौत हो चुकी है। इसके बाद से राजस्थान के डूंगपुर और उदयपुर में चांदीपुरा से संक्रमित केस मिल चुके हैं। नाथद्वारा तहसील गांव की एक आठ वर्षीय बालिका की रिपोर्ट भी पॉजीटिव आई है। हालांकि यह परिवार कई दिनों पहले जोधपुर चले गया था। जोधपुर एम्स में ही बालिका का उपचार जारी है।