जिले में रबी सीजन की बुवाई ने इस बार उम्मीदों से ज्यादा रफ्तार पकड़ ली है।
राजसमंद. जिले में रबी सीजन की बुवाई ने इस बार उम्मीदों से ज्यादा रफ्तार पकड़ ली है। खेतों में किसानों की चहल-पहल, ट्रैक्टरों की आवाज़ और सिंचाई की धारें इस बात का संकेत दे रही हैं कि राजसमंद में खेती का रबी पर्व अपने चरम पर है। मौसम के ठंडा होने और मिट्टी में पर्याप्त नमी के चलते किसानों ने गेहूं, चना, सरसों और जौ जैसी प्रमुख फसलों की बुवाई जोरों पर शुरू कर दी है। कृषि विभाग के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025-26 के लिए रबी फसलों का कुल प्रस्तावित लक्ष्य 60,000 हेक्टेयर तय किया गया है, जो पिछले वर्ष (2024-25) के 57,993 हेक्टेयर की तुलना में करीब 3.4 प्रतिशत अधिक है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अनुकूल मौसम, जल उपलब्धता और उर्वरकों की सुचारू आपूर्ति के चलते इस बार बुवाई का रकबा और उत्पादन दोनों ही बढ़ने के आसार हैं।
| फसल | 2024-25 का लक्ष्य (हेक्टेयर) | 2025-26 का लक्ष्य (हेक्टेयर) | वृद्धि (प्रतिशत) |
|---|---|---|---|
| गेहूं | 33,963 | 35,000 | 3.05 |
| जौ | 7,812 | 8,000 | 2.4 |
| चना | 5,820 | 6,000 | 3.1 |
| सरसों | 2,081 | 2,200 | 5.7 |
| तारामीरा | 46 | 100 | 117 |
| कुल | 57,993 | 60,000 | 3.4 |
(स्रोत - कृषि विभाग, राजसमंद)
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि इस बार जिले में न केवल बुवाई क्षेत्र बल्कि कुल रबी उत्पादन में भी 4.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। उत्पादकता में औसतन 37 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की वृद्धि अनुमानित है।
| फसल का नाम | अनुमानित उत्पादन (क्विंटल) | उत्पादन में वृद्धि (पिछले वर्ष की तुलना में %) |
|---|
| गेहूं | 1,11,600 | 9.5% |
| जौ | 24,560 | 4.8% |
| चना | 13,500 | 16.0% |
| सरसों | 2,420 | 16.3% |
| तारामीरा | 120 | 160.9% |
| कुल | 1,64,040 | 4.8% |
रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही कृषि इनपुट्स की मांग में भी जोरदार इजाफा देखा जा रहा है। कृषि विभाग के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में इस बार डीएपी खाद की मांग में वृद्धि हुई है। वर्तमान में जिले की सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं के पास एनपीके का स्टॉक उपलब्ध है। विभाग ने सभी विक्रेताओं को निर्देश जारी किए हैं कि वे स्टॉक खाली नहीं रहने दें और किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराएं।
राजसमंदके किसान बताते हैं कि वर्षा ने खेतों की नमी को बरकरार रखा है। मिट्टी की हालत बेहद अच्छी है, सिंचाई की जरूरत कम पड़ रही है। अगर दिसंबर में ठंड स्थिर रही तो गेहूं की फसल बहुत अच्छी होगी।नलकूपों और छोटी सिंचाई योजनाओं से पर्याप्त पानी की उपलब्धता होने के कारण किसान समय से बुवाई कर पा रहे हैं।
राजसमंद जिले में जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। ऐसे में किसानों को सिंचाई के पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि रबी की बुवाई में सिंचाई में कोई दिक्कत नहीं आएगी। सिंचाई के लिए पानी छोड़ने के लिए भी जिला प्रशासन की ओर से बैठक ली जाकर प्रारूप तैयार किया जा रहा है ताकि किसानों को कोई परेशानी ना हो।
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो अगर आने वाले 40 दिनों तक तापमान में अत्यधिक गिरावट या शीतलहर नहीं आती, तो इस बार जिले का रबी उत्पादन नया रिकॉर्ड बना सकता है। राजसमंद का औसत रबी उत्पादन प्रति हेक्टेयर 2697 क्विंटल से बढ़कर 2734 क्विंटल तक पहुंच सकता है। इसका सीधा असर जिले के कुल कृषि राजस्व पर पड़ेगा।
राजसमंद जिले की कुल कृषि भूमि का अधिकांश हिस्सा रबी सीजन में आता है। जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। इसलिए रबी फसलों का प्रदर्शन जिले की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। कृषि अधिकारियों की मानें तो इस बार का रबी सीजन रिकॉर्ड बुवाई और उत्पादकता वाला साबित हो सकता है।
रबी बुवाई के लिए लक्ष्य प्रस्तावित कर दिया है। किसान खेतों में जुट गए हैं। इस बार अच्छी बारिश हुई। जिससे अच्छी फसल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिले में 60 हजार हेक्टेयर में विभिन्न फसलों की बुवाई की जाएगी।
भूपेन्द्रिसंह राठौड़, संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार, राजसमंद