पूर्व की डीपीआर 1762 करोड़ रुपए की थी, जो नई बनने के बाद 1780 करोड़ रुपए की हो गई है। पश्चिम रेलवे ने इस डीपीआर की मंजूरी दे दी है और रेलवे बोर्ड को भेज दिया है।
रतलाम। एक अहम कदम उठाते हुए रेलवे बोर्ड ने इंदौर (लक्ष्मीबाई नगर) -फतेहाबाद-रतलाम सिंगल रेल लाइन को डबल लाइन में बदलने के लिए पूर्व में भेजी योजना पर ब्रेक लगा दिया। इसके बाद नई डीपीआर मांगी। पूर्व की डीपीआर 1762 करोड़ रुपए की थी, जो नई बनने के बाद 1780 करोड़ रुपए की हो गई है। पश्चिम रेलवे ने इस डीपीआर की मंजूरी दे दी है और रेलवे बोर्ड को भेज दिया है।
रेलवे ने डिटेल इस्टिमेट मुंबई मुख्यालय से नई दिल्ली स्थित रेलवे बोर्ड को भेजे ₹1762 करोड़ की लागत वाली योजना पर फिलहाल रोक लगा दी। इसके लिए फिर से पूरा प्लान बनाकर भेजने को कहा था। बड़ी बात यह है कि इस प्लान को अमलीजामा पहनाने के लिए सिंहस्थ 2028 तक पूरे करने को कहा गया है। रेलवे के अनुसार 116 किलोमीटर लंबे इस सेक्शन में अतिरिक्त रेल लाइन बिछाने पर 1762 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होने थे। पूर्व की योजना में लक्ष्मीबाई नगर, फतेहाबाद स्टेशन को क्रास ओवर मानकर लाइन डालना थी, सिंहस्थ को देखते हुए रेल मंत्री अश्विनी कुमार ने पूरी योजना फिर से बनाने को कहा। नई योजना में लक्ष्मीबाई नगर व फतेहाबाद स्टेशन को सिंहस्थ को देखते हुए यात्रियों की संख्या के मान अनुसार नई योजना बनाई।
यह आती फिलहाल समस्या
बोर्ड स्तर पर पहले ही इस कार्य को करने की औपचारिक सहमति बन चुकी थी। इसके बाद अब फिर से पूरी डीपीआर बनाकर देने को कहा गया है। फिलहाल यहां पर सिंगल लाइन सेक्शन है। इसके चलते कई बार डेमू-मेमू स्तर की ट्रेन को घंटों क्रासिंग के नाम पर रोकने की मजबूरी रेलवे की रहती है। इसके अलावा इस सेक्शन पर नई ट्रेन चलाने की मंजूरी भी नहीं मिल पा रही है। इंदौर-फतेहाबाद-रतलाम लाइन के आसपास पहले से काफी जमीन रेलवे के पास है। इस लाइन में पालिया, अजनोद, फतेहाबाद-चंद्रावतीगंज, बडऩगर, रूनीजा, प्रीतम नगर और नौगांव जैसे स्टेशन हैं। इस रेल लाइन का निर्माण कार्य दिसंबर 2024 में शुरू होना था, लेकिन कई प्रकार की तकनीकी कमी के चलते नहीं हो पाया।
समय पर कार्य हो तो ऐसे मिले लाभ
समय की बचत: डबल लाइन होने से ट्रेनों को क्रॉसिंग के लिए रुकना नहीं पड़ेगा, जिससे यात्रा के समय में कमी आएगी।
ट्रैफिक की बढ़ेगी संख्या: अधिक ट्रेनों के परिचालन के लिए रास्ता साफ हो जाएगा और नई ट्रेनें चलाने का अवसर मिलेगा।
यातायात आसान होगा: सिंगल लाइन पर होने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलेगी और संचालन अधिक सुगम होगा।
दुर्घटनाओं का कम जोखिम: एक लाइन बंद होने पर भी दूसरी लाइन से यातायात जारी रखा जा सकता है, जिससे मार्ग पूरी तरह बंद नहीं होगा।
औद्योगिक और आर्थिक लाभ
माल ढुलाई में वृद्धि: मालगाड़ियों की गति बढ़ेगी और माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी, जिससे रेलवे के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
औद्योगिक विकास को गति: इंदौर और रतलाम के आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों (जैसे दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर) को सीधा लाभ होगा और व्यापारिक व औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
नए उद्योगों को प्रोत्साहन: औद्योगिक गलियारे के पास 14,000 हेक्टेयर में उद्योगों के विकास के लिए नई जमीन उपलब्ध होगी, जिससे नए उद्योग स्थापित होंगे।
जल्दी मिल जाएगी मंजूरी
सिंहस्थ के पूर्व कई कार्य रेलवे कर रही है। इसी के अंतर्गत इंदौर-रतलाम वाया फतेहाबाद दोहरीकरण डबलिंग योजना की नई डीपीआर भेजी गई है। सिंहस्थ के पूर्व सभी कार्य करना है। जल्दी इसकी मंजूरी मिल जाएगी, यह भरोसा है।
- अश्वनी कुमार, डीआरएम रतलाम