Farmers trick : किसानों ने किया जुगाड़, 20 मिनट में बनकर तैयार हो जाती है। धमाका करने वाली कार्बाइड गन। जुगाड़ वाली गन से धमाका कर किसान जंगली जानवरों से अपने खेत व खेती की रक्षा कर रहे हैं।
Farmers trick :मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के किसान सबसे अधिक जंगली सुअर, रोजड़ा, नील गाय आदि से परेशान है। ये पशु देखते ही देखते किसान की पूरी उपज चट कर रहे हैं। ऐसे में अब फसलों की जंगली जानवरों से रखवाली के लिए किसान जुगाड़ से बनाई जाने वाली कार्बाइड गन का उपयोग करने लगे है। इसको पीवीसी पाइप से बनी जुगाड़ गन कहा रहा है। जिसकी वजह से राज्य में कई लोगों की आंखें चली गई और कई लोगों की आंख एवं चेहरे पर गंभीर चोट भी आई थी। इसके बाद राज्य में इस तरह की जुगाड़ वाली गन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया था। मात्र 20 मिनट में तैयार हो रही यह जुगाड़ वाली गन से धमाका कर जंगली जानवर से अपने खेत व खेती की रक्षा किसान कर रहा है।
हाल ही के दिनों में दीपावली व इसके बाद भोपाल और राज्य के अनेक जिलों में धमाका करने वाली पीवीसी गन की वजह से बच्चों और वयस्क लोगों की आंखों में चोट लगी है। यहां तक की आंखों की रोशनी चली जाने के मामले सामने आए थे। इसके बाद ही शासन ने जुगाड़ की गन की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पीवीसी पाइप से बनाई जाने वाली जुगाड़ वाली गन का उपयोग किसान अपने खेतों पर जंगली जानवरों को भगाने के लिए करते हैं। इसमें कार्बाइड को भरते है। कार्बाइड जब पानी के संपर्क में आता है तो उसमें ज्वलनशील और धमाका करने वाली गैस बनती है। गन के पीछे वाले हिस्से वाले में लाइटर द्वारा चिंगारी से इस पीवीसी गन में जोरदार धमाका और चिंगारी निकलती है।
संत रविदास चौक के करीब खेत पर पीवीसी पाइप की गन लेकर बैठे किसान समरथ पाटीदार के अनुसार हमें पता है कि इससे नुकसान पहुंचता है, लेकिन करें क्या अपनी आंखों के सामने उपज को उजड़ते होते भी नहीं देख सकते। बिक्री पर भले ही शासन ने रोक लगाई हो लेकिन यह तो 20 मिनट में खेत पर बना रहे है। इसमें प्रयोग किया जाने वाला कार्बाइड हार्डवेयर की दुकान पर मिलता है, सरकार को प्रतिबंध लगाना ही है तो जंगली जानवर को चिडिय़ाघर ले जाकर बंद करें।
कांग्रेस प्रदेश महामंत्री युसूफ कड़पा के अनुसार, ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर भी जुगाड़ की कार्बाइड गन और पोटाश गन मिल रही है। खतरनाक केमिकल और उसकी गैस की वजह से होने वाले स्वास्थ्य को नुकसान से बेखबर किसान आगामी रबी सीजन की फसलों को जंगली जानवरों के प्रकोप से बचाने के में जुटा हुआ है। किसानों की समस्या के समाधान के प्रयास होना जरूरी है।