धर्म और अध्यात्म

Indira Ekadashi 2025: पितृ पक्ष में इंदिरा एकादशी का व्रत क्यों माना जाता है मोक्षदायक? जानिए इसका आध्यात्मिक महत्व

Indira Ekadashi 2025: इंदिरा एकादशी को माना जाता है कि इस दिन विष्णु भगवान की आराधना और पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध एवं दान करने से पितर संतुष्ट होते हैं और वंशजों पर आशीर्वाद बरसाते हैं।

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Sep 10, 2025
Indira Ekadashi Puja|फोटो सोर्स – Freepik

Indira Ekadashi 2025 Date: पितृ पक्ष में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी को हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान दिया गया है। यह इंदिरा एकादशी 17 सितंबर 2025, बुधवार को पड़ रही है।शास्त्रों में उल्लेख है कि इस एकादशी का व्रत न केवल व्रती के लिए, बल्कि उनके पूर्वजों के लिए भी मोक्षदायी होता है।

इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत रखने से न केवल व्यक्ति के पापों का नाश होता है, बल्कि उसके पितरों को भी मुक्ति का मार्ग मिलता है।आइए जानते हैं इस पावन एकादशी का आध्यात्मिक महत्व, व्रत विधि और इससे जुड़ी पौराणिक मान्यताएं। (Indira Ekadashi 2025 tithi)

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इंदिरा एकादशी का महत्व (Indira Ekadashi Puja Mahatva)

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, श्राद्ध पक्ष के दौरान किया गया इंदिरा एकादशी व्रत हजारों वर्षों की तपस्या के बराबर फल देता है। पद्म पुराण में वर्णन मिलता है कि इस तिथि पर किया गया श्राद्ध सात पीढ़ियों तक के पितरों को तृप्त कर देता है और उन्हें जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति दिलाकर बैकुंठ धाम तक पहुंचाता है।यह भी कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से व्रती स्वयं के लिए पुण्य संचित करता है और साथ ही पितरों की आत्मा को शांति और बल प्राप्त होता है।

गरुड़ पुराण में उल्लेख है यमलोक की यातनाओं से मुक्ति

गरुड़ पुराण में उल्लेख है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और नियमपूर्वक एकादशी का व्रत करता है और यदि उसकी मृत्यु भी एकादशी तिथि को हो, तो उसकी आत्मा को यमलोक की कठोर यातनाएं नहीं सहनी पड़तीं। यही कारण है कि पितृ पक्ष की इस एकादशी को मोक्ष प्रदायिनी कहा गया है।
इसी महत्व को समझाने के लिए राजा इन्द्रसेन की कथा भी प्रचलित है, जिनके व्रत पालन से न केवल उन्हें स्वयं स्वर्गलोक प्राप्त हुआ बल्कि उनके पिता भी मोक्ष को प्राप्त कर सके।

इंदिरा एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त (Indira Ekadashi 2025 Puja Samay)

पंचांग के मुताबिक, एकादशी तिथि की शुरुआत 16 सितंबर की रात 12:21 बजे से होगी और इसका समापन 17 सितंबर की रात 11:39 बजे होगा।तारीख की गणना सूर्योदय के आधार पर की जाती है, इसलिए इंदिरा एकादशी 17 सितंबर को मानी जाएगी।
पंचांग

  • सूर्योदय: सुबह 06:07 AM
  • सूर्यास्त: शाम 06:24 PM
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:33 AM से 05:20 AM
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:18 PM से 03:07 PM
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:24 PM से 06:47 PM
  • निशिता मुहूर्त: रात 11:52 PM से 12:39 AM (अगली तारीख में)

इंदिरा एकादशी पर क्या करें?

  • घी, दूध, दही, अन्न और वस्त्र का दान करना
  • पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करना
  • जरूरतमंदों को भोजन कराना
  • भगवान विष्णु का पूजन और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना
  • ऐसा करने से न केवल पितर प्रसन्न होते हैं बल्कि घर में सुख-समृद्धि, धन-लाभ और स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी प्राप्त होते हैं।

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Updated on:
10 Sept 2025 12:08 pm
Published on:
10 Sept 2025 12:07 pm
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