Kartik Purnima 2025 : इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर भद्रा का प्रभाव रहेगा। पंडित डॉ अनीष व्यास के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में भद्रा को अशुभ समय माना जाता है, क्योंकि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। आइए देखें कि भद्रा की उपस्थिति में कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दान करना शुभ है या नहीं।
Kartik Purnima 2025 Bhadra Dosha : हिंदू धर्म में पूर्णिमा का दिन बहुत पवित्र और महत्वपूर्ण होता है। कार्तिक पूर्णिमा सबसे महत्वपूर्ण दिन है, खासकर इसलिए क्योंकि इस दिन गंगा स्नान करने से विशेष पुण्य मिलता है। संयोग से, इसी दिन गुरु नानक जयंती भी मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। इस वर्ष यह बुधवार, 5 नवंबर को पड़ रही है।
पंडित अनीष व्यास का कहना है कि 2025 की कार्तिक पूर्णिमा काफी दुर्लभ है क्योंकि इस दिन भद्रा का प्रभाव रहेगा। ऐसा माना जाता है कि भद्रा के दौरान कोई भी शुभ कार्य रुक जाता है। आइए जानें कि क्या यह भद्रा कार्तिक पूर्णिमा को प्रभावित करेगी।
द्रिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा 4 नवंबर को रात 10:36 बजे शुरू होगी और 5 नवंबर को शाम 6:48 बजे समाप्त होगी। इस दिन भद्रा सुबह 6:36 बजे शुरू होगी और सुबह 8:44 बजे तक रहेगी। हालांकि, भद्रा पृथ्वी पर नहीं, बल्कि स्वर्ग में होगी, जिसका अर्थ है कि कोई भी शुभ कार्य अवरुद्ध नहीं होगा।
पूर्णिमा के दिन स्नान और दान ब्रह्म मुहूर्त में किया जाता है, जो सुबह 4:52 बजे से 5:44 बजे तक है।
कार्तिक पूर्णिमा पर, सर्वार्थ सिद्धि योग 6 नवंबर को सुबह 6:34 बजे से 6:37 बजे तक रहेगा। अमृत काल सुबह 2:23 बजे से 3:47 बजे तक रहेगा। इन दोनों समयों में पूजा की जा सकती है।
प्रदोष काल (देव दिवाली) का शुभ समय शाम 5:15 बजे से शाम 7:51 बजे तक रहेगा।
1. वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ रहेगी। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सकती है। धन -लाभ के योग भी बन रहे है ।
2. मिथुन
मिथुन राशि के लोगों के लिए कार्तिक पूर्णिमा सौभाग्य बरसाएगी। लाइफ में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। लाभ के अवसर मिलेंगे। सेहत अच्छी बनी रहेगी और मानसिक शांति मिलेगी। नौकरी में पदोन्नत की संभावना है।
3. कन्या
कन्या राशि के लोगों के लिए कार्तिक पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहेगी। धन-लाभ के योग बन रहे हैं। व्यापारियों को व्यापार में फायदा होने के संकेत हैं।