Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी 1 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन तुलसी माता देवी स्वरूप मानी जाती हैं और उनसे जुड़े कई नियमों का पालन जरूरी है। इन नियमों का पालन करने से भक्त को मोक्ष, पाप मुक्ति और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पुण्य दायक मानी जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा और व्रत भगवान विष्णु तक सीधे पहुंचता है और व्यक्ति को पापों से मुक्ति व मोक्ष का आशीर्वाद मिलता है। तुलसी माता इस दिन बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, क्योंकि एकादशी की पूजा तभी पूरी मानी जाती है जब तुलसी माता को सम्मान दिया जाए।
पंचांग के अनुसार मोक्षदा एकादशी 1 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से पिछले जन्मों और वर्तमान जीवन के पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति के जीवन में शांति आती है। तुलसी माता से जुड़े नियम जिनका पालन करना जरूरी है।
धार्मिक मान्यताओं में माना गया है कि इस दिन तुलसी माता विश्राम अवस्था में होती हैं। इसलिए उनके पत्ते तोड़ना निषेध है।
अगर पूजा में जरूरत हो, तो पत्ते एक दिन पहले ही तोड़ कर रख लें।
सामान्य दिनों में तुलसी को जल देना शुभ माना जाता है, लेकिन मोक्षदा एकादशी पर ऐसा नहीं किया जाता। इस दिन सिर्फ दीपक जलाना और फूल अर्पित करना श्रेष्ठ माना गया है।
सुबह बहुत जल्द या अंधेरे में तुलसी को छूना अशुभ माना जाता है। सूर्य निकलने के बाद ही उन्हें स्पर्श करना चाहिए।
कई लोग माला साफ करने के लिए उसे खोल देते हैं, लेकिन एकादशी के दिन यह बड़ा दोष माना जाता है। माला को पूजा स्थान पर ही रहने देना चाहिए।
तुलसी माता पवित्रता का प्रतीक हैं। उनके पास गंदगी, कूड़ा या जूते-चप्पल रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है।