Nag Panchami Puja 2025: नाग पंचमी सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और भय से मुक्ति पाने का एक आध्यात्मिक अवसर है। इस दिन विशेष रूप से सात नागों की पूजा की जाती है। इनकी पूजा से हर नाग से जुड़े अलग-अलग जीवन-मंत्र और लाभ प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं।
Nag Panchami Puja 2025: हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व होता है, और इस महीने में आने वाला नाग पंचमी का पर्व आस्था और श्रद्धा से भरा होता है। वर्ष 2025 में नाग पंचमी 29 जुलाई, मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से नाग देवताओं की पूजा की जाती है, ताकि जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे और सर्प दोष या भय से मुक्ति मिले।
इस पर्व का सीधा संबंध भगवान शिव से भी है, क्योंकि वे सर्पों को अपने आभूषण के रूप में धारण करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, नाग पंचमी पर 7 प्रमुख नागों की पूजा का विधान है। आइए जानते हैं कौन हैं ये सात नाग और इनकी पूजा से क्या फल प्राप्त होता है।
शेषनाग को पाताल लोक का राजा माना गया है। मान्यता है कि इन्हीं के फन पर पृथ्वी टिकी हुई है। ये भगवान विष्णु की सेवा में रहते हैं, और इनका पूजन जीवन में संतुलन और स्थिरता लाता है।
वासुकि नाग समुद्र मंथन में मंथनी की रस्सी बने थे और भगवान शिव के गले में विराजमान हैं। इनकी पूजा से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और शिव कृपा बनी रहती है।
महाभारत काल में तक्षक नाग ने राजा परीक्षित को डंसा था। इन्हीं की घटना से नाग पंचमी की परंपरा जुड़ी हुई है। तक्षक की पूजा से जीवन के बड़े संकट और आकस्मिक घटनाओं से बचाव होता है।
कर्कोटक नाग भगवान शिव के गण माने जाते हैं। इनकी पूजा से रोग और शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है। शिव भक्ति में स्थिरता आती है।
पद्म नागों का संबंध गोमती नदी के तट से बताया गया है। इन्हें वंश विस्तार और परिवार की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इनकी पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
कुलिक नाग का संबंध ब्रह्मा जी से बताया गया है। इनकी पूजा से ज्ञान, बुद्धि और ब्राह्मणिक गुणों की प्राप्ति होती है।
शंख नाग को अत्यंत बुद्धिमान माना गया है। इनकी पूजा से व्यक्ति में विवेक, निर्णय लेने की क्षमता और मानसिक संतुलन बढ़ता है।
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है, और नाग उनके आभूषण हैं। इस माह में वर्षा के कारण सर्प अपने बिलों से बाहर निकलते हैं, जिससे उनके दर्शन और पूजा का विशेष महत्व बढ़ जाता है। नाग पंचमी पर पूजा करने से सर्प दोष से मुक्ति, घर में सुख-शांति और शिव कृपा प्राप्त होती है। माना जाता है कि अगर सावन में बार-बार सांप दिखे, तो यह शिव की विशेष कृपा का संकेत हो सकता है।